लॉकडाउन की घोषणा होते ही बाजारों में उमडी भीड़- मास्क और सोशल डिस्टेंस गायब
हालांकि लॉकडाउन की घोषणा के बाद जिला प्रशासन की ओर से बाजारों में पुलिस की गश्त भी देखने को मिली है।
नई दिल्ली। बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच 15 मई तक संपूर्ण लॉकडाउन लगाए जाने का फैसला लिया है। लाॅकडाउन लगने की खबर मिलते ही राज्य के अधिकतर जिलों के बाजारों में अचानक से खरीदारी करने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जिसके चलते राशन और सब्जियों की दुकानों पर तो एकदम से लोगों की भारी भीड़ का जमावडा लग गया। इस दौरान लोगों के मुंह पर मास्क तो दिखाई ही नहीं दिया। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की भी जमकर बखिया उधेड़ दी गई। राजधानी पटना के प्रमुख बाजारों की दुकानों पर सामान खरीदने के लिए खरीदारों की भीड़ जमा हो गई है। इस दौरान कुछ दुकानों पर चीजों के दामों को लेकर ग्राहकों व दुकानदारों के बीच तीखी नोकझोंक भी हो गई।
हालांकि लॉकडाउन की घोषणा के बाद जिला प्रशासन की ओर से बाजारों में पुलिस की गश्त भी देखने को मिली है। कई पुलिसकर्मी लोगों को कोरोना-19 गाईडलाइन के बारे में समझाते हुए दिखाई भी दिए हैं। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर सोमवार को बिहार में 174 लोगों की मौत हो गई थी। 42 लोगों की मौत अकेले पटना में हुई है। जबकि 132 लोगों की कोराना से मौत बिहार के अन्य जनपदों में हुई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक राज्य में कोरोना के इलाज के दौरान केवल 82 लोगों की मौत ही दर्ज की गई है। राज्य के मगध, भोजपुर और सारण जनपदों में 59 लोग कोरोनावायरस की चपेट में आकर मौत का शिकार बने हैं। गया में 9, सीवान और बेगूसराय में 88, रोहतास में छह लोगों के अलावा नालंदा और वैशाली में पांच-पांच लोगों की मौत संक्रमण की चपेट में आकर हो गई है। भोजपुर और बक्सर में चार-चार, अरवल में तीन, सारण, गोपालगंज और कैमूर में दो-दो तथा जहानाबाद में एक व्यक्ति को कोरोना की चपेट में आकर अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।