जामा मस्जिद और फतेहपुरी के शाही इमामों ने ईद की नमाज घर पर अदा करने की अपील की
कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरों के मद्देनजर लोगों से ईद की नमाज घर पर ही अदा करने की अपील की।
नई दिल्ली। दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी और फतेहपुरी के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरों के मद्देनजर लोगों से ईद की नमाज घर पर ही अदा करने की अपील की।
दोनों शाही इमामों ने सोमवार को अलग-अलग वीडियो जारी कर मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए ईद की नमाज़ घर में ही पढ़ें।
अहमद बुखारी ने कहा, "इस वक्त कोरोना वायरस महामारी पूरे मुल्क में तेजी से फैल चुका है और यह वायरस बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। यह ऐसा मामला है जो हमने और आपने अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखा।" उन्होंने कहा, "विशेषज्ञों के मुताबिक,कोरोना वायरस की तीसरी लहर का खतरा भी है इसलिए मेरी अपील है कि ईद की नमाज़ अपने घरों में ही पढ़ी जाए तो बेहतर है।"
फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम ने कहा, "कोरोना वायरस की दूसरी लहर चल रही और रोज़ लाखों मामले सामने आ रहे हैं, हजारों लोगों की मौत हो रही है। हालात के मुताबिक, बहुत एहतियात करने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा, "डॉक्टरों और विशेषज्ञों का कहना है कि यह लहर अभी और तेज़ होगी। इसी वजह से लॉकडाउन लगाया गया है। रमज़ान में हमने घरों में रहकर इबादत की। पिछले साल हमने घरों में ही ईद की नमाज़ अदा की थी। बीमारी का डर अब भी मौजूद है तथा संक्रमण बहुत ज्यादा है। इसलिए सभी लोगों से अपील करूंगा कि ईद वाले दिन भी मस्जिद की तरफ न आएं बल्कि घरों में ही इबादत करें। शरीयत में इसकी अनुमति है। उन्होंने लोगों से गरीबों की, खासकर, कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की 'दिल खोलकर' मदद करने की भी अपील की।
गौरतलब है कि ईद का त्यौहार गुरुवार या शुक्रवार को हो सकता है। यह चांद नज़र आने पर निर्भर करता है।
वार्ता