सरकार की दो टूक-या तो सुधर जाएं नहीं तो लगा देंगे फिर से बंदिशें

यदि लोग कोविड-19 के नियमों का सही तौर पर पालन नहीं करते हैं तो एक बार फिर से पाबंदियों में दी गई ढील को वापस लिया जा सकता है।

Update: 2021-07-06 13:08 GMT

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने और सरकार की ओर से पाबंदियां कम किए जाने के बाद लोग सैर सपाटे के लिए हिल स्टेशन अथवा तीर्थ स्थलों की तरफ निकल पड़े हैं। मनाली शिमला और उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों से इस प्रकार की तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें लोग सोशल डिस्टेंसिंग का तो पालन कर ही नहीं रहे हैं बल्कि वह कोरोना से पूरी तरह बेखबर होते हुए मास्क भी नहीं लगा रहे हैं। इन हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि यदि लोग कोविड-19 के नियमों का सही तौर पर पालन नहीं करते हैं तो एक बार फिर से पाबंदियों में दी गई ढील को वापस लिया जा सकता है।

मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि अब तक कोरोना वायरस की दूसरी लहर से निपटने में मिली बढ़त को कोरोना प्रोटोकॉल को तोड़ने वाले लोग खत्म कर सकते हैं। उन्होंने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार कम होने और सरकार की ओर से पाबंदियों में ढील दिए जाने से लोग सैर सपाटे के लिए हिल स्टेशनों व तीर्थस्थलों का रुख करने लगे हैं। सैर सपाटा करने के लिये घर से निकले लोग कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। यदि ऐसा ही होता रहा तो फिर हम अब तक दी गई ढील को वापस भी ले सकते हैं। उन्होंने साफ तौर पर देशवासियों को चेताया है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर कम जरूर हुई है लेकिन अभी पूरी तरह से गई नहीं है। यह अभी भी सीमित स्वरूप में हमारे बीच में ही मौजूद है। उन्होंने कहा है कि देश में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या अब 500000 से भी कम रह गई है। हालांकि उन्होंने अभी महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालय और सिक्किम को सरकार की चिंता की वजह बताया है। क्योंकि इन राज्यों में इस समय भी 10 प्रतिशत से ज्यादा की पॉजिटिविटी रेट के साथ नए मामले मिल रहे हैं।

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