बड़ा खेल-लखीमपुर खीरी हिंसा, एफआईआर में किसानों को कुचलने का जिक्र नहीं
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले को लेकर पुलिस की ओर से दर्ज की गई दूसरी एफआईआर में आरोप लगाया गया है
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में एक बड़ा खेल उजागर हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के नेता की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में कहीं भी किसानों को कुचलने का जिक्र नहीं किया गया है। बल्कि आरोप लगाया गया है कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर अराजक तत्वों की ओर से लाठी-डंडों से हमले के बाद पथराव किया गया था। एफआईआर में किसानों के गाड़ी से कुचले जाने अथवा गिरफ्तारी के बाद जेल भेजे गए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के कार में मौजूद होने की बाबत कोई जिक्र नहीं किया गया है।
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले को लेकर पुलिस की ओर से दर्ज की गई दूसरी एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि तिकुनिया में प्रदर्शन कर रहे किसानों में असामाजिक तत्व शामिल थे। उन्होंने एसयूवी में सवार होकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमला किया था। एफआईआर में इस बात का कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है कि गाड़ी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा उस समय मौजूद था अथवा नहीं? पुलिस ने तहरीर के आधार पर अज्ञात असामाजिक तत्वों के खिलाफ हत्या व खतरनाक हथियारों से हमला करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। भारतीय जनता पार्टी के नेता सुमित जायसवाल ने दावा किया है कि वह उन भाजपा कार्यकर्ताओं में शामिल थे, जो 3 अक्टूबर दिन रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का स्वागत करने के लिए जा रहे थे।
सुमित जायसवाल के मुताबिक वह भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ महिंद्रा थार गाड़ी से कालेशरण चौक जा रहे थे। गाड़ी को हरिओम चला रहा था। इसी दौरान असामाजिक तत्वों ने उनके ऊपर हमला बोल दिया। कार चला रहे हरिओम और उसमें सवार शुभम मिश्रा को असामाजिक तत्वों ने कार से बाहर खींचकर उनकी पिटाई शुरू कर दी। किसी तरह सुमित जायसवाल ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई। हालांकि हरिओम और उनके दोस्त शुभम की अराजक तत्वों द्वारा हत्या कर दी गई। जिसकी जानकारी सुमित जायसवाल को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से हुई।