लकड़ी का घोड़ा तो सुना होगा- अब देखिए लकड़ी की साइकिल

साइकिल बनाने के बाद लोगों का साइकिल देखने के लिए तांता लगा रहता है। गांव और क्षेत्र के लोग भी जुनैद की साइकिल को दूर-दूर से देखने आते रहते हैं।

Update: 2020-10-29 15:38 GMT


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बिजनौर। जनपद बिजनौर के चाँदपुर क्षेत्र के एक छोटे से गांव धीवरपुरा के रहने वाले मोहम्मद जुनैद ने लकड़ी की साइकिल बना डाली। मोहम्मद जुनैद पुत्र रियासत अली जिसकी उम्र लगभग 20 साल है और बीए सेकंड ईयर का छात्र है।


आपको बता दें कि साइकिल को बनाने में लगभग 3 महीने का समय लगा और इस साइकिल में फ्रेम, मरघाट, पेंडल, पहिए, गति और अन्य सामान से मोहम्मद जुनैद में इसे पूरी लगन के साथ सागौन की लकड़ी से तैयार किया है। साइकिल की चैन भी कपड़े की डोरी से बनाई गई है।

जुनैद ने बताया कि उसके घर लकड़ियों का काम होता है पढ़ाई के साथ साथ वह इसी काम में लगा हुआ है। जिस वक्त कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन चल रहा था उस वक्त वह बिल्कुल खाली था, इसी दौरान जुनैद ने सागौन की लकड़ी से एक साइकिल बनाई जिसमें लोहे का एक पेंच भी नहीं लगाया है। साइकिल के बटन की क्षमता यह है कि लगभग 30 किलो तक के बच्चे इसे चला सकते हैं या इस पर 30 किलो तक का वजन रखकर कहीं भी ले जाया जा सकता है।

मोहम्मद जुनैद के साइकिल बनाने के बाद लोगों का साइकिल देखने के लिए तांता लगा रहता है। गांव और क्षेत्र के लोग भी जुनैद की साइकिल को दूर-दूर से देखने आते रहते हैं।

रिपोर्ट-मौ आरिफ़ बिजनौर

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