गन्ना विभाग - भुगतान में अव्वल रहती है मुज़फ्फरनगर की टिकौला शुगर मिल

उप्र सरकार के तीन पेराई सत्रों में इस मिल के द्वारा गन्ना किसानों को 14 अरब रुपये से अधिक का गन्ना भुगतान किया गया है।

Update: 2020-12-23 05:49 GMT

मुजफ्फरनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के किसान कल्याण के संकल्प के लिए गन्ना विकास एवं चीनी मिल विभाग के मंत्री सुरेश राणा एंव अपर मुख्य सचिव एंव गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी के मार्गदर्शन में मुजफ्फरनगर जनपद के जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे के निर्देशन में गन्ना विभाग ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। शुगर मिलों से शत प्रतिशत बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराने में सफल जिला गन्ना अधिकारी के प्रयासों से यहां की शुगर मिलें नित्य नये रिकाॅर्ड हासिल करती रही हैं, ऐसी ही एक मिल है रामराज क्षेत्र में स्थित टिकौला शुगर यूनिट। योगीराज में टिकौला शुगर मिल ने किसान कल्याण में महती भूमिका निभाई है। योगी आदित्यनाथ की सरकार के तीन पेराई सत्रों में इस मिल के द्वारा गन्ना किसानों को 14 अरब रुपये से अधिक का गन्ना भुगतान किया गया है। भुगतान के मामले में टिकौला शुगर मिल मुजफ्फरनगर ही नहीं यूपी में अव्वल बना रहता है।

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उत्तर प्रदेश में सरकार बदली तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की किसान कल्याण के लिए प्राथमिकता के कारण किसानों से जुड़े हर विभाग में नीति और व्यवस्था भी बदली नजर आने लगी थी। सबसे बड़ा बदलाव गन्ना विभाग में नजर आया। योगी आदित्यनाथ के किसान कल्याण के लिए लिये गये फैसलों को धरातल पर लाने के लिए जब गन्ना मंत्री सुरेश राणा एंव अपर मुख्य सचिव एंव गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने संवेदनशीलता के साथ काम किया तो ऐसे परिणाम आये, जिनके कारण यूपी गन्ना किसानों का हित साधने के साथ ही चीनी उत्पादन और गन्ना मूल्य का भुगतान करने में देश में पहली पायदान पर खड़ा नजर आ रहा है। इसमें हर किसी का योगदान रहा है। मुजफ्फरनगर जनपद, जिसे यहां होने वाली गन्ने की खेती और आठ शुगर मिलों में चीनी उत्पादन के कारण यूपी का शुगर बाउल कहा जाता है, ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। वैसे तो जिला गन्ना अधिकारी डाॅ. आरडी द्विवेदी के मार्गदर्शन में जनपद की आठ शुगर मिलों ने कमोबेश अपना योगदान देने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी, लेकिन यहां हम विशेष तौर पर किसानों के भुगतान में राज्य में शीर्ष पर रहने वाली टिकौला शुगर मिल के योगदान का उल्लेख कर रहे हैं। डीसीओ आरडी द्विवेदी ने जनपद मुजफ्फरनगर में प्रत्येक पराई सत्र के दौरान जहां चीनी मिलों के आर्थिक लाभ के लिए मिलों तक सही और अच्छी रिकवरी वाला गन्ना पहुंचाने का बंदोबस्त खेतों में कराया तो वहीं किसानों के खेतों के साथ ही उनके घरों को खुशहाल बनाने के लिए गन्ना मूल्य के भुगतान कराने में भी उपलब्धि हासिल की है। उनके इन्हीं सार्थक प्रयासों का परिणाम है कि टिकौला मिल ने यूपी में शीर्ष पर  स्थान पाया।



तीन साल पहले महेश चन्द्र शर्मा ने उत्तम शुगर मिल खाईखेड़ी में अपनी सेवा के सफर को विराम देते हुए टिकौला शुगर मिल रामराज में अधिशासी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार शुरू किया था। महेश चन्द्र शर्मा के इन तीन वर्षों में टिकौला शुगर मिल किसानों के कल्याण को बड़ा केन्द्र बनकर उभरी है। महेश शर्मा के अनुसार तीन वर्षों में क्षेत्र के किसानों को मिल द्वारा गन्ना मूल्य के रूप में 14 अरब से अधिक रुपये का भुगतान किया है। उन्होंने बताया कि 2017-18 के पेराई सीजन में टिकौला शुगर मिल में 125 लाख कुन्तल गन्ने की पेराई करते हुए चीनी बनाई गयी। इस गन्ने खरीद के सापेक्ष मिल द्वारा किसानों को 401 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसके अगले वर्ष 2018-19 पेराई सत्र में मिल ने क्षेत्र के किसानों से 136 लाख कुन्तल गन्ने की खरीद की, इसके लिए 437 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। 2019-20 पेराई सीजन में मिल ने क्षेत्र के किसानों से रिकाॅर्ड 178 लाख कुन्तल गन्ने की खरीद के लिए 571 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।


पिछले सत्र का समस्त भुगतान मिल द्वारा अक्टूबर 2020 के द्वितीय सप्ताह तक कर दिया गया है। इसके चलते मिल पर किसानों का गन्ना मूल्य बकाया नहीं है। मौजूदा सत्र 2020-21 में हालांकि अभी राज्य सरकार की ओर से गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया गया है, लेकिन जिला गन्ना अधिकारी आरडी द्विवेदी के विशेष प्रयासों के कारण अन्य मिलों की भांति टिकौला मिल ने भी किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान शुरू कर दिया है। महेश चन्द शर्मा के अनुसार किसानों को भुगतान करने के मामले में टिकौला शुगर मिल मुजफ्फरनगर जनपद के साथ ही यूपी में अव्वल रहती है। उन्होंने कहा कि नये सत्र के लिए मिल से लगातार भुगतान किया जा रहा है। हमारा मानना है कि क्षेत्र का किसान खुशहाल होगा तो मिल को भी लाभ पहुंचेगा और मिल के लाभान्वित रहने से क्षेत्र में रोजगार के लिए भी अवसर क्षेत्रवासियों को उपलब्ध होने से सरकार की नीतियों को भी हम फलीभूत कर पायेंगे।

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