उपायुक्त उद्योग परमहंस मौर्य ने दिव्यांगजनों का जीता दिल
युवकों को उपायुक्त परमहंस मौर्य ने वहीं पर अपना फोन नम्बर दिया और योजना में आवेदन करने के लिए अपने कार्यालय बुलाया।
मुजफ्फरनगर। युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों ने अनेक योजनाओं का संचालन किया है। इन योजनाओं का महत्व कोरोना संकट काल के दौर में और भी अधिक बढ़ गया है। इन योजनाओं के सहारे युवाओं को अपने रोजगार स्थापित करते हुए स्वावलंबी बनने के अवसर सरकार प्रदान कर रही हैं। ऐसे में युवाओं के सामने ऐसे अनेक सवाल उठते हैं कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए केवल धक्के खाने पड़ते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है सरकारी योजनाओं से आज युवाओं के जीवन में बदलाव आ रहा है। ऐसे ही अभावग्रस्त जीवन जी रहे युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मददगार साबित हो रहे हैं जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र मुजफ्फरनगर के उपायुक्त परमहंस मौर्य। वह लगातार युवाओं को केन्द्र और राज्य सरकारों के द्वारा चलाई गई स्वरोजगार योजनाओं से जोड़कर उनके जीवन में उम्मीद की किरण को आत्मनिर्भर अवसरों में बदलने के प्रयासों में जुटे हुए हैं। ऐसे ही सार्थक प्रयासों और सकारात्मक दृष्टिकोण के सहारे परमहंस मौर्य ने दो दिव्यांगजनों का दिल जीतने का काम किया है।
विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा शासन की योजनाओं के प्रति जन जागरुकता के लिए 3 दिसम्बर को कलेक्ट्रेट स्थित जिला पंचायत के चौधरी चरण सिंह सभाकक्ष में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन कराया गया था। इसमें डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने दिव्यांगजनों को सम्बोधित किया, उनकी समस्याओं को सुना और उनके सवालों के जवाब भी दिये। कार्यक्रम में सीडीओ आलोक यादव, उपायुक्त जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन विभाग परमहंस मौर्य और जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग अधिकारी शिवेन्द्र भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में ऐसे सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था, जो सरकार की स्वरोजगार योजनाओं, कल्याणकारी योजनाओं और आर्थिक उन्नयन कार्यक्रमों से जुड़े हुए हैं। इस कार्यक्रम में उपायुक्त परमहंस मौर्य ने दिव्यांगजन युवक-युवतियों को आत्मनिर्भर बनने के लिए अपने रोजगार स्थापित करने के प्रति जागरुक किया। इसके लिए उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा संचालित पीएम स्वरोजगार योजना और राज्य सरकार की सीएम युवा स्वरोजगार योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि वह किस प्रकार इन योजनाओं के सहारे अपने उद्योग, दुकान और व्यापार स्थापित करने के लिए आवेदन करते हुए बैंक से ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इन योजनाओं में मिलने वाली सब्सिडी, ओडीओपी और लघु, सूक्षम और मध्यम उद्यम के साथ ही आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में विस्तार से समझाया और सभाकक्ष में उपस्थित दिव्यांगजनों को यह भरोसा दिलाया कि वह इन योजनाओं के लिए उनसे सम्पर्क कर आवेदन कर सकते हैं, उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभाग पूरी तरह से मार्ग प्रशस्त करने का काम करेगा। यहां पर उन्होंने अपना मोबाइल फोन नम्बर भी इन युवाओं को दिया। जिस समय वह कार्यक्रम में सम्बोधन दे रहे थे, उसी दौरान वहां दो दिव्यांग युवक खड़े हुए और उनसे सीधा सवाल कर दिया कि उनको अपना कारोबार करने के लिए किस प्रकार सहायता मिल सकती है। युवकों ने उपायुक्त परमहंस मौर्य को बताया कि वह सिलाई और कढ़ाई के अच्छे कारीगर हैं, लेकिन आज बेरोजगार है और अपना कारोबार करने के लिए उनके पास धन नहीं है। इस पर डीएम सेल्वा कुमारी जे ने उपायुक्त परमहंस मौर्य को इन दिव्यांगजनों की मदद करने को कहा जिस पर उपायुक्त परमहंस मौर्य ने इन दोनों दिव्यांगजन युवकों का परिचय पूछा तो उन्होंने अपने नाम सुशील कुमार पुत्र राजेन्द्र और प्रदीप कुमार पुत्र अतर सिंह निवासीगण गांव नया उमरपुर शाहपुर बताये। इन युवकों को उपायुक्त परमहंस मौर्य ने वहीं पर अपना फोन नम्बर दिया और योजना में आवेदन करने के लिए अपने कार्यालय बुलाया।
5 दिसम्बर यानि आज ये दोनों दिव्यांगजन युवक सुशील कुमार व प्रदीप कुमार उपायुक्त जिला उद्योग परमहंस मौर्य के कार्यालय पहुंचे और उनसे मुलाकात की। परमहंस मौर्य ने अपने कार्यालय सहायक को बुलाकर युवकों के बारे में बताया और सीएम युवा स्वरोजगार योजना उ.प्र. के अन्तर्गत रेडीमेड गारमेंट्स कारोबार के लिए दोनों को 2-2 लाख रुपये के ऋण के लिए आवेदन कराने को कहा। दिव्यांग युवक कर्मचारी के साथ चले गये। थोड़ी देर बाद कर्मचारी उपायुक्त के पास पहुंचा और बताया कि इन युवकों को दस्तावेज कम होने के कारण दोबारा आना पड़ेगा। इस पर उपायुक्त परमहंस मौर्य ने सेवा के प्रति अपने समर्पण को जाहिर करते हुए निर्देश दिये कि इन युवकों का आवेदन आज ही ऑनलाइन अपलोड किया जाये, कर्मचारी आदेश पाकर काम पर लग गया और कुछ ही देर में इन दिव्यांगों के हाथों में अपना कारोबार करने के लिए ऋण योजना का आवेदन पत्र था। परमहंस मौर्य की कार्यशैली को देखकर दिव्यांग युवक भी हतप्रभ रह गये कि जनकल्याण के लिए कोई अधिकारी इतना संवेदनशील होकर भी कार्य कर सकता है। आवेदन कराने के बाद भी परमहंस मौर्य ने इन युवकों को यह भरोसा दिलाया कि वह बैंक से भी जल्द ऋण स्वीकृत कराने का प्रयास करेंगे। परमहंस मौर्य की इस कार्यशैली ने दोनों दिव्यांग युवकों का दिल जीत लिया।
उपायुक्त जिला उद्योग परमहंस मौर्य कहते है, '' जनकल्याण सेवा का माध्यम है। हम जिस दायित्व का निर्वहन कर रहे है, वह ईमानदारी से होना चाहिए। आज लोगों में जानकारी का अभाव और सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने के भय के कारण ही लोग सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं। हमने लगातार जनजागरण कर विभागीय योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने का प्रयास किया और संकट को सरल बनाने की नीति को कार्यालय में लागू किया है ताकि लोगों का ज्यादा जुड़ाव विभाग से हो सके और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आत्मनिर्भर युवा के लक्ष्य को हासिल करते हुए हम युवाओं के सपनों का साकार कर सकें।''