जेल हेडक्वार्टर में मंत्री ने की अफसरों संग बैठक - विभाग का जाना हाल

जेल विभाग में अब तक की गई उपलब्धियों और विभागीय समस्याओं को लेकर आज विभागीय मंत्रियों ने अफसरों से मीटिंग कर पर चर्चा की

Update: 2022-04-05 14:42 GMT

लखनऊ। जेल विभाग में अब तक की गई उपलब्धियों और विभागीय समस्याओं को लेकर जेल हेड क्वार्टर पर आज विभागीय मंत्रियों ने अफसरों से मीटिंग कर वर्तमान हालात पर चर्चा की।


इसी कड़ी में आज कारागार मुख्यालय के सभागार में  कारागार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) धर्मवीर प्रजापति ने एक समीक्षा बैठक की। इसमें कारागार राज्य मंत्री सुरेश कुमार राही, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, डीजी जेल आनंद कुमार, उपमहानिरीक्षक कारागार मुख्यालय शैलेंद्र मैत्रेय, पुलिस उपमहानिरीक्षक कानपुर रेंज रविशंकर छवि पुलिस उपमहानिरीक्षक कारागार संजीव त्रिपाठी सहित प्रदेश प्रदेश की विभिन्न जेलों में तैनात सभी वरिष्ठ जेल अधीक्षक ,जेल अधीक्षक ,जेलर उपस्थित रहे।


मीटिंग के प्रारंभ में सर्वप्रथम कारागार के सभी अधिकारियों ने बारी बारी से अपना परिचय दिया। इसके बाद एक प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया, जिसके माध्यम से विभाग की उपलब्धियों और समस्याओं से मौजूद दोनों मंत्री को अवगत कराया गया।


कारागार राज्य मंत्री सुरेश कुमार राही ने जेल अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह कहा कि जेलों में ओवर क्राउडिंग से निपटने हेतु जेल अधीक्षकगण संबंधित जिलों के जिला जज व न्यायिक अधिकारियों से निरंतर वार्ता और समन्वय स्थापित करके छोटे छोटे अपराधों में कारागारों में निरुद्ध बंदियों को छुड़ाने हेतु कम से कम माह में एक बार अवश्य प्रयास करें ।

डीजी जेल आनंद कुमार ने दोनों मंत्री को अवगत कराया कि विगत में कारागार विभाग की छवि जनसामान्य में अच्छी नहीं थी। कारागारों में बंदी मोबाइल का प्रयोग कर रहे थे और मना करने पर जेल अधिकारियों को यह धमकी देते थे कि जेल से वीडियो वायरल करके फंसा दूंगा, किंतु आज ऐसे बंदियों पर कठोर कार्रवाई की गई है। जेल अधिकारियों को संबल प्रदान करते हुए कर्तव्य पालन में निडर होकर कार्य करने में सहयोग प्रदान किया गया है। जिसके परिणाम स्वरूप आज जेलों से वीडियो वायरल होने की घटनाएं लगभग समाप्त हो गई है।

उन्होंने बताया किअब जेलों में पूर्ण शांति बनी हुई है। कारागार विभाग की छवि आज जनमानस में सुधर कर सामने आ रही है । कारागार मुख्यालय से प्रत्येक जेल की लाइव मॉनिटरिंग की जा रही है, इसका जेल प्रबंधन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।


डीजी जेल आनंद कुमार ने बंदियों और उनके परिजनों द्वारा निरंतर की जा रही, इस मांग से दोनों मंत्रियों को अवगत कराया की कोविड-19 पाबंदियां सभी सार्वजनिक स्थानों पर समाप्त कर दी गई है। किंतु जेलों अब भी हफ्ते में सिर्फ एक मुलाकात की इजाज़त है। ऐसे में बंदियों में अवसाद उत्पन्न हो रहा है और वे पूर्व की भांति सप्ताह में तीन मुलाकात करने की छूट दिए जाने की निरंतर मांग कर रहे हैं। कारागार मंत्री ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया।


अधिकारियों को संबोधित करते हुए कारागार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने कारागारों में बंदियों को विभिन्न कार्यों का प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाने और उनके द्वारा निर्मित वस्तुओं का प्रचार प्रसार करने और विक्री के माध्यम से जनसामान्य को सुलभ कराने का निर्देश दिया। बन्दियों को प्रवचन प्रार्थना और आध्यात्मिकता के माध्यम से सुधारने के निर्देश दिए । उन्होंने कारागारों के आधुनिकीकरण और संचालन में तकनीकी के अधिकाधिक प्रयोग पर बल दिया।


 उन्होंने आगे कहा कि कोशिश रहे कि जेलों में परिजनों से अधिकांश मुलाकात व्यवस्था ऑनलाइन हो तथा पूर्ण पारदर्शी तरीके से हो किसी को कोई शिकायत न हो । उन्होंने कारागारों में अतिशीघ्र प्लास्टिक के प्रचलन को समाप्त करने की दिशा में प्रयास करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने विभाग में पारदर्शिता लाने तथा जन सामान्य को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उद्देश्य से टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी करने का निर्देश भी दिया।

अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने अपने उद्बोधन में कारागार विभाग के 100 दिन के लक्ष्यों में कारागार विभाग की अधिकांश प्रमुख समस्याओं को प्रमुखता और प्राथमिकता से शामिल करने का निर्देश दिया।

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