पूर्व आईएएस पर दर्ज हुआ मुकदमा-पुराने वीडियो को ट्वीट कर फंसे
मुकदमा दर्ज होने के बाद पूर्व आईएएस ने अपने वीडियो को सही बताया है
वाराणसी। लगभग 1 साल पहले का कोरोना संक्रमित मरीज से जुड़ा वीडियो सीएम के दौरे के समय ट्वीट करने के मामले को लेकर पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। वह वीडियो कोरोना मरीज का शव एक नाले के पास मिलने से संबंधित था। मुकदमा दर्ज होने के बाद पूर्व आईएएस ने अपने वीडियो को सही बताया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा रविवार को कोेरोना संक्रमण के बीच की व्यवस्था की हकीकत जानने के लिये किए गए बनारस दौरे के समय पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो जारी किया था। जिसमें एक कोरोना संक्रमित मरीज का शव नाले के पास बड़ा दिखाई दे रहा था। एसपी सिंह के इस ट्वीट को लेकर शासन से लेकर वाराणसी प्रशासन तक में बुरी तरह से हड़कंप मच गया। सोशल मीडिया पर वीडियो को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल पड़ी। शासन प्रशासन स्तर से शव मिलने के मामले की जांच पड़ताल की गई तो पता कि पूर्व आईएएस द्वारा टवीटर पर जारी किया गया वीडियो 1 साल पुराना है। काशी जोन के एडीसीपी विकास चंद्र त्रिपाठी ने वीडियों के पुराना होने की पुष्टि करते हुए रिट्वीट किया। इसके बाद पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने अपना ट्वीट तो हटा लिया। लेकिन वह घटना को सही करार देते रहे। पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने 34 सेकंड के वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा था कि योगी जी केवल उछलकूद से काम नहीं चलेगा। परिणाम भी मिलना चाहिए। आप वाराणसी में समीक्षा कर रहे हैं। जरा गरीब के इस रूदन को भी सुन लीजिएगा। वाराणसी के इस अस्पताल में एडमिट कोरोना वायरस मरीज का शव नाली में मिला है। 2 दिन से मरीज लापता था। उसके परिजन खोज रहे थे। की गई जांच में जारी किया गया वीडियो पिछले वर्ष 24 अगस्त का पाया गया है।