मंडल में अब हटेंगे जमीनों पर से अवैध कब्जे - कमिश्नर ने शुरू की मुहिम

तीनों जिलों में सरकारी और किसानों की जमीन से अवैध कब्जे से मुक्त कराने के झांसी मंडलायुक्त अजयशंकर पांडेय ने निर्देश दिए

Update: 2022-04-04 02:49 GMT

झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी मंडलायुक्त डॉ़ अजयशंकर पांडेय ने मंडल के तीनों जिलों जालौन , झांसी और ललितपुर में सरकारी जमीन और किसानों की भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए सभी जिलाधिकारियों को रविवार को कड़े निर्देश जारी किये।

मंडलायुक्त द्वारा शुरू किये गये इस अभियान की खास बात यह कि सरकारी भूमियों पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 447 के साथ ही साथ सार्वजनिक परिसर (गैरकानूनी कब्जाधारी की बेदखली) एक्ट 1971 के तहत भी कार्रवाई की जायेगी। अतिक्रमणी से सम्पत्ति की क्षति का आकलन कराकर भू-राजस्व की भाँति वसूली की जायेगी। जिलाधिकारी, झांसी, जालौन एवं ललितपुर को एक प्रारूप निर्धारित करके प्रश्नगत जमीनों का सत्यापन कराकर समयबद्ध आख्या उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया है।

मंडलायुक्त ने तीनों जिलो के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रत्येक ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र मे मुनादी करा दी जाय कि अवैध कब्जाधारक प्रत्येक दशा में स्वेच्छा से अवैध कब्जे को 15 दिन के अन्दर छोड़ दें, अन्यथा ऐसे कब्जेधारकों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ तत्काल संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी जाए। प्रत्येक गांव के लेखपाल या नगरीय क्षेत्र के सम्पत्ति अधिकारियों को निर्देश देने को कहा गया कि वे अपने अपने क्षेत्र का विवरण नियत प्रारूप पर तैयार कर क्षेत्र के प्रत्येक सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा करें तथा उसकी एक एक प्रति संबंधित थानों तहसील व ब्लाकों पर भी अनुरक्षित की जाय।


यह भी निर्देश दिये गये कि प्रत्येक लेखपाल या संबंधित सम्पत्ति अधिकारी से इस आशय का प्रमाण पत्र लिया जाय कि उनके द्वारा क्षेत्र के समस्त अवैध कब्जाधारकों व चिन्हित कर लिया गया है तथा उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित कर ली गयी है। लेखपाल या सम्पत्ति अधिकारी की इस सूचना का सत्यापन तहसीलदार या उप जिलाधिकारी या सचिव या अपर नगर आयुक्त द्वारा किया जाय।

अवैध कब्जामुक्त कार्यवाही में सम्बन्धित थानों के प्रभारी निरीक्षक या थानाध्यक्ष या क्षेत्राधिकारी या पुलिस अधीक्षक का भी यथासंभव सहयोग लिया जाए। उत्तरदायी अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये गये कि अपेक्षित सूचनाओं में विसंगति व भिन्नता पाये जाने पर उक्त कार्य के लिये नामित अधिकारियों के विरूद्ध भी विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी।

वार्ता


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