VIP नंबर 30 दिन के भीतर नहीं लेने पर होगा निरस्त : हाईकोर्ट

न्यायालय ने कहा कि अधिनियम मे साफ तौर पर लिखा है कि परिवहन आयुक्त को खास नंबरो को आरक्षित करने और मागने पर शुल्क के साथ क्रमवार आवंटित करने का अधिकार है।

Update: 2020-10-27 18:46 GMT

प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत यदि वीआईपी नंबर लेने की निर्धारित अवधि 30 दिन के भीतर वाहन खरीद कर नंबर नही ले लेते तो आरक्षित नंबर निरस्त कर दिया जायेगा और वीआईपी नंबर बुक कराने के लिए जमा राशि भी जब्त हो जायेगी।

न्यायालय ने कहा कि कानून की मंशा साफ है उसका पालन न करने वाले को कोई राहत नही दे सकती।

न्यायालय ने वाहन खरीदने के लिए दो हफ्ते का समय बढाने और वी आई पी नंबर आवंटित करने का समादेश जारी करने की मांग अस्वीकार कर याचिका खारिज कर दी है।

न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति डा वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राजेश गौर की याचिका पर यह आदेश दिया है।

याची का कहना था कि उसने छह मार्च 2020 को वाहन का वी आई पी नंबर आवंटित करने की अर्जी दी और एक लाख रूपये इसके एवज में जमा किया। वह वाहन खरीद नही सका। विभाग ने वाहन खरीदने के लिए दो हफ्ते का समय देने से इंकार कर दिया तो उच्च न्यायालय की शरण ली।

न्यायालय ने कहा कि अधिनियम मे साफ तौर पर लिखा है कि परिवहन आयुक्त को खास नंबरो को आरक्षित करने और मागने पर शुल्क के साथ क्रमवार आवंटित करने का अधिकार है। यदि कोई व्यक्ति अर्जी देने के एक माह के भीतर वाहन खरीद कर वी आई पी नंबर नही ले लेता तो उसकी माग निरस्त कर दिया जायेगा और जमा राशि वापस नही होगी।

याची ने स्वीकार किया है कि फीस जमा की लेकिन समय के भीतर वाहन नही खरीद सका। ऐसे में उसे राहत नही दी जा सकती।

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