जाम के झाम से मुक्ति दिलाने के लिये चल रहा DM-SSP का बुलडोजर
गर्मी के इस मौसम में अगर अभियान ठंडा नहीं हुआ तो लोगों को जाम से राहत मिल सकती है।
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान से ही बाबा का बुलडोजर प्रदेश में ही नहीं देश में भी बुलडोजर मशहूर हो चुका है। उत्तर प्रदेश की एक बार फिर से कप्तानी कर रहे सीएम योगी आदित्यनाथ को अब बाबा बुलडोजर के नाम से भी पहचाना जाने लगा है क्योंकि उनके हुक्म पर अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति पर बुलडोजर चल रहा है। अब जनपद मुजफ्फरगर के डीएम चन्द्रभूषण सिंह और एसएसपी अभिषेक यादव ने भी अपने अधीनस्थों को बुलडोजर देकर सड़कों पर उतार दिया है क्योंकि जनपद के शहरों में लोगों को जाम की वजह परेशानियों को सामना करना पड़ रहा था। जाम से मुक्ति दिलाने के लिये डीएम और एसएसपी के निर्देश पर उनके अधीनस्थ बुलडोजर लेकर अतिक्रमण हटवाने में जुटे हुए है। गर्मी के इस मौसम में अगर अभियान ठंडा नहीं हुआ तो लोगों को जाम से राहत मिल सकती है।
जनपद के शहरों के मुख्य बाजारों व प्रमुख चौराहों पर हर वक्त जाम का आलम रहता है। सर्दी में लोगों को जाम केवल जाम की समस्या का सामना करना पडता है लेकिन गर्मियों में उन पर दोहरी मार पड़ती है क्योंकि गर्मी की चिलचिलाती धूप के नीचे जाम में फंसकर उनसे खड़ा नहीं हुआ जाता है। गर्मी में आग उगल रहे सूरज के नीचे जाम में फंसे लोग काफी परेशान नजर आते हैं। वह सोचते हैं कि किसी तरह से इस जाम से निकला जाये। शहर में फिलहाल जाम का आलम इस मुकाम तक पहुंच गया है कि कभी-कभी एम्बुलेंस को भी रास्ता नहीं दिया जाता है। एम्बुलेंस को रास्ता देना अनिवार्य होता है क्योंकि उसमें शख्स अपनी मौत और जिदंगी की जंग लड़ रहा होता है। उसे बचाने के लिये एम्बुलेंस चालक गाड़ी की रफ्तार तेज रखता है, जिससे की उसे वक्त पर हॉस्पिटल पहुंचाकर व्यक्ति को समय पर उपचार मिले सके और उसकी जान बच सके। लेकिन शहर में जाम इस कदर विकराल रहता है कि काफी समय तक एम्बुलेंस का सायरन बजता रहता है लेकिन कोई रास्ता देने के लिये तैयार नहीं होता। काफी मशक्कत करने के बाद एम्बुलेंस बाहर निकलती है।
जाम लगने की वजह है कि शहर की अधिकतर सड़कें और चौराहें अतिक्रमण की चपेट में हैं। मुख्य बाजारों व मुख्य चौराहों से दोपहियों का भी निकलना दुष्वार हो जाता है। मुजफ्फरनगर शहर के मीनाक्षी चौक, शिव चौक, हनुमान चौक, भगत सिंह रोड़, दाल मंडी, लोहिया बाजार, नावल्टी चौराहा, अस्पताल चौराहा, कोर्ट रोड़ जैसे स्थानों पर जाम की समस्या रहती है। जाम की वजह से लोगों को झेलनी पड़ रही समस्याओं के निदान के लिये डीएम चन्द्र भूषण सिंह और एसएसपी अभिषेक यादव ने कदम उठा लिया है। अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरूआत पुलिस-प्रशासन द्वारा शुक्रवार से की गई है। अतिक्रमण हटवाने के लिये डीएम और एसएसपी के अधीनस्थ बुलडोजर लेकर लोगों की जाम की समस्या का निदान करने के लिये दो दिन से रोज सड़क पर उतर अतिक्रमण हटवा रहे हैं।
डीएम चन्द्रभूषण सिंह और एसएसपी अभिषेक यादव के निर्देशन में सिटी मजिस्ट्रेट अनूप कुमार सिंह और कुलदीप सिंह ने पुलिस बल के साथ शहर के कचहरी रोड पर लोगों द्वारा किये गये अतिक्रमण को बुलडोजर के माध्यम से हटवाया गया है। आज यानि शनिवार को यातायात सुचारू रूप से चलाने के लिये सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिटी कुलदीप सिंह पुलिस बल को लेकर बुलडोजर के साथ सड़क अतिक्रमण हटवाने के लिये निकले। आज उनके द्वारा मीनाक्षी चौक, झांसी की रानी, शिव चौक सहित कई स्थानों से अतिक्रमण हटवाया गया है। पुलिस-प्रशासन द्वारा दोबारा अतिक्रमण करने वालो को कड़ी कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया गया है।
आमतौर पर देखा जाता है कि काफी जोर शोर के साथ शुरू किया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान कुछ दिनों तक ही जारी रहता है। अतिक्रमण हटने की वजह से लोगों को काफी सहूलियत हो जाती है लेकिन अभियान ठंडा हो जाने के बाद लोगों द्वारा फिर से अतिक्रमण कर लिया जाता है और सभी अपने स्थानों पर लौटकर सड़क को घेरकर खड़े हो जाते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि गर्मी के इस मौसम में चलाया गया यह अतिक्रमण हटाओ अभियान शहर को जाम से पूरी तरह मुक्त कराने तक जारी रहेगा या नहीं। अगर अभियान ठंडा पड़ जाने के बाद अतिक्रमण दोबारा हो जाता है तो फिर से लोगों को दोबारा से चिलचिलाती धूप के नीचे जाम की समस्या का सामना करना पडेगा।
आमतौर पर देखा गया है कि शहर में अतिक्रमण के साथ ई-रिक्शा भी जाम के झाम को बढ़ावा देने में सहायक बन रही है। वह इसलिये कि ई-रिक्शाओं की संख्या शहर की जनसंख्या के सापेक्ष अधिक संख्या में पहुंच गई है, जिसके चलते शहर में अन्य वाहनों ज्यादा संख्या ई-रिक्शाओं की दिखाई देती है। शायद ही शहर की कोई ऐसी गली दिखाई दे जहां पर ई-रिक्शा को देखा नहीं जाता है। भले ही रास्ता कितना ही छोटा क्यों ना हो।