37 गन्ना बाहुल्य जिलों में महिला शक्ति द्वारा उन्नत गन्ना बीज का वितरण

गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि विभाग ग्रामीण महिलाओं को गन्ने की नर्सरी तैयार करने का प्रशिक्षण दे रहा है

Update: 2022-08-23 14:43 GMT

लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिये प्रभावी कदम उठाये जाने के आदेशों के क्रम में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी द्वारा ग्रामीण महिला उद्यमियों को स्थानीय स्तर पर अधिकाधिक स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया है, जिससे ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। जिसके अनुपालन में गन्ना विकास विभाग द्वारा ग्रामीण महिला उद्यमियों के विकास के लिए चलाई जा रही ''ग्रामीण महिला शक्ति द्वारा उन्नत गन्ना बीज वितरण कार्यक्रम योजना'' के अन्तर्गत गन्ना उत्पादक जनपदों की ग्रामीण महिला उद्यमियों को निरन्तर प्रशिक्षित किया जा रहा है।

इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना विकास विभाग ग्रामीण महिलाओं को गन्ने की नर्सरी तैयार करने का प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है तथा इस योजना का लाभ उठाकर ग्रामीण महिलायें स्थानीय स्तर पर आय अर्जित कर रही हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता का विकास हो रहा है। स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने एवं समूहों के माध्यम से उन्नत एवं नवीन गन्ना किस्मों के स्वस्थ गन्ना सीडलिंग की नजदीकी उपलब्धता सुनिश्चित होने से गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों में यह योजना बहुत लोकप्रिय है।

यदि हम ऑंकड़ों पर निगाह डालें तो इस योजना के अन्तर्गत अब तक प्रदेश के 37 गन्ना उत्पादक जिलों में 3,003 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है तथा इन ग्रामीण महिला उद्यमियों द्वारा गठित समूहों के माध्यम से अब तक 2,463 लाख सीडलिंग का उत्पादन किया जा चुका है, जिससे उन्हें कुल आमदनी रू.6,478 लाख तथा प्रति समूह औसतन रू.75 हजार से रू.27 लाख प्रतिवर्ष की आय प्राप्त हुयी है। इस योजना से अब तक 58,905 ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध हुआ है तथा कुल 3,70,600 कार्य दिवस का रोजगार सृजित हुआ है। समूहों द्वारा उत्पादित सीडिलिंग की बुआई से कुल 9,265 हे. नवीन गन्ना किस्मों का प्रदर्शन स्थापित कर नवीन किस्मों के गन्ने का आच्छादन बढ़ा, जो इस योजना की लोकप्रियता का प्रमाण है।

इस योजना के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर रोजगार के विकल्प उपलब्ध होने के कारण ग्रामीण महिला उद्यमियों के मनोबल में अभिवृद्धि हुयी है तथा आय सृजन होने से इस वर्ग के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। इस योजनान्तर्गत बड चिप विधि से उत्पादित सीडलिंग पर अधिकतम रू1.50 प्रति सीडलिंग तथा सिंगल बड विधि से उत्पादित सीडलिंग पर अधिकतम रू1.30 प्रति सीडिलिंग का अनुदान दिया जाता है।

यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश में गन्ने की खेती से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से प्रदेश सरकार द्वारा इन्हें अपनी महत्वाकांक्षी ''उत्कृष्ट कार्य योजना'' के अन्तर्गत पुरस्कार हेतु शामिल किया गया है। महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्य संख्या, सीडलिंग उत्पादन, अभिलेखों के रख-रखाव एवं विभिन्न अन्य मानकों के आधार पर महिला स्वंय सहायता समूह संवर्ग के विजेताओं का चयन किया जाता है। इस योजनान्तर्गत प्रदेश स्तर पर महिला स्वंय सहायता समूहों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार स्वरूप क्रमशः रू.51,000, रू.31,000, रू.21,000 की धनराशि एवं स्मृति चिह्न तथा प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है।

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