बर्थडे स्पेशल - IAS प्रियंका अपनी कार्यशैली के कारण जनता में लोकप्रिय
पहले जालौन और अब बस्ती के डीएम के रूप में काम कर रही आईएएस प्रियंका निरंजन अपनी कार्यशैली के कारण जनता में लोकप्रिय है
लखनऊ। साल 2013 बैच की आईएएस अफसर अपनी पोस्टिंग की शुरुआत से ही जनता के बीच अच्छा काम करके प्रशंसा बटोरने का काम करती आ रही है। जनपद मुज़फ्फरनगर में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने अपनी बेटी को सरकारी चिकित्सालय में जन्म देकर जनता को संदेश देने का काम किया था कि सरकारी अस्पताल में भी बेहतर सुविधाएं है। उनकी अगली पोस्टिंग जनपद मिर्ज़ापुर में हुई। इस अफसर ने विश्व हाथ धुलाओ दिवस पर प्राथमिक विद्यालय में पहुंचकर निरीक्षण करने के पश्चात विद्यालय के बच्चो के बीच बैठकर खाना खाया और बच्चों को हाथ धोने से होने वाले फायदों के बारे में बताया। पहले जालौन और अब बस्ती के डीएम के रूप में काम कर रही प्रियंका निरंजन अपनी कार्यशैली के कारण जनता में लोकप्रिय रहती है। जी हां हम बात कर रहे है। आईएएस प्रियंका निरंजन के बर्थडे पर पेश है खोजी न्यूज़ की स्पेशल स्टोरी......
बता दें कि प्रियंका निरंजन ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 1 अक्टूबर 1984 को जन्म लिया था। उनके पिता पीडब्ल्यूडी में कॉन्ट्रक्टर है और उनकी माता हाउसवाइफ है। प्रियंका निरंजन के 2 बहन और एक छोटा भाई है। एक बहन ने बी.टेक किया व दूसरी बहन ने एमएससी की हुई है। प्रियंका निरंजन की प्रारंभिक शिक्षा जनपद जालौन व झांसी से हुई। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री की और वही से ही अर्थशास्त्र से मास्टर और आर्ट की डिग्री भी हासिल की है। प्रियंका निरंजन ने सिविल परीक्षा की तैयारी 2008 से शुरू की थी। वो अपने छ्ठे प्रयास (attemp ) में सिविल परीक्षा को पास कर साल 2013 बैच की आईएएस अफसर बन गयी। आईएएस प्रियंका निरंजन की ट्रेनिंग 26 नवम्बर 2015 तक मसूरी में हुई। शासन ने आईएएस प्रियंका निरंजन को 27 नवम्बर 2015 को जनपद मुज़फ्फरनगर में जॉइंट मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात किया था।
आईएएस अफसर होने के बाद भी सरकारी अस्पताल में कराया था प्रसव
जनपद मुज़फ्फरनगर के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर रहते हुए आईएएस प्रियंका निरंजन ने राजकीय जिला चिकित्सालय में बेटी को जन्म देकर मिसाल कायम करने का काम किया था। ज्यादातर महिलाएं बहाने बनाते हुए निजी चिकित्सालयों में बच्चो को जन्म देती है। आईएएस प्रियंका निरंजन ने अपनी बेटी को सरकारी चिकित्सालय में जन्म देकर जनता को संदेश देने का काम किया था। लोग मानते है कि सरकारी अस्पतालों में केवल गरीब ही इलाज कराते हैं, लेकिन तमाम तरह की सुख सुविधा से संपन्न प्रियंका ने पहले ही सरकारी अस्पताल में बच्चे को जन्म देने का फैसला कर लिया था। लगभग एक घंटे चले ऑपरेशन के बाद आईएएस प्रियंका निरंजन ने बेटी को जन्म दिया था। तत्कालीन जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. अमिता गर्ग ने बताया था कि प्रियंका निरंजन को प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती कराया था। उन्होंने खुद ऑपरेशन कर महिला आईएएस अधिकारी का प्रसव कराया।
आईएएस प्रियंका निरंजन के पति आईपीएस मनीष सिंह ने बताया था कि सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक प्रशिक्षित व तजुर्बेकार हैं। सरकारी अस्पतालों में प्रसव की आवश्यकता अनुसार सभी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। जिला राजकीय महिला चिकित्सालय में पत्नी का प्रसव कराकर हमने यही संदेश देने का प्रयास किया है कि इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ही बेहतर है। आईएएस प्रियंका निरंजन मुज़फ्फरनगर में 2 मई 2017 तक तैनात रही।
आईएएस प्रियंका निरंजन ने जनपद मुज़फ्फरनगर के बाद जनपद मिर्ज़ापुर में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर 3 मई 2017 को कार्यभार ग्रहण किया। जनपद मिर्ज़ापुर के मुख्य विकास अधिकारी के पद पर रहते हुए आईएएस प्रियंका निरंजन ने विश्व हाथ धुलाओ दिवस पर कस्तूरबा गाँधी स्कूल रामपुर में पहुंचकर वहां का निरीक्षण करने के बाद बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर स्कूल में बने भोजन की गुणवत्ता जांची और बच्चो के साथ बैठ कर उसी भोजन को खुद भी खाया। उसी दौरान बच्चो के बीच लाइन में बैठी महिला आईएएस अधिकारी के सहज भाव को देख स्कूल के शिक्षक भी हैरान रह गये थे। आईएएस प्रियंका निरंजन बच्चों के साथ तब उठी जब सभी बच्चों ने भोजन कर लिया था। भोजन के बाद प्रियंका निरंजन बच्चो के साथ हैंडवाश के लिए नल के पास पहुंची और उन्हें स्वच्छता अभियान के तहत हाथ धुलने से होने वाले फायदे और तरीके को समझाया। आईएएस प्रियंका निरंजन ने विश्व हाथ धुलाओ दिवस पर छानबे क्षेत्र के प्रत्येक विद्यालयों मे हाथधुलाई का आयोजन किया। इस अवसर पर आईएएस प्रियंका निरंजन ने इलाके के स्कूलों का भ्रमण कर स्कूल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया था।
उसके बाद मिर्जापुर के सीडीओ के रूप में काम कर रही प्रियंका निरंजन 21 जनवरी 2020 को अवकाश पर चली गई थी, वह 12 मार्च 2020 को वापस लौटी तो 3 महीने तक उनको प्रतीक्षा सूची में रखा गया । 3 जून 2020 को प्रियंका निरंजन को सिंचाई विभाग में विशेष विशेष सचिव के पद पर तैनात किया गया था। आईएएस अफसर प्रियंका निरंजन को 11 फरवरी 2021 में उत्तर प्रदेश सरकार में जालौन जनपद का पहली बार डीएम बना कर भेजा था। लगभग 16 महीने तक जालौन के कलेक्टर के रूप में काम करने वाली प्रियंका निरंजन को 7 जून 2022 को जालौन से हटाकर बस्ती जैसे जिले के डीएम की जिम्मेदारी दे दी गई थी। वर्तमान में प्रियंका निरंजन बस्ती के जिला अधिकारी के रूप में काम कर रही है।