उपलब्धियां - योगी राज में यूपी की जेलों में बह रही है बदलाव की बयार
जब डीजी जेल की जिम्मेदारी आईपीएस अफसर आनंद कुमार को दी गई तो उन्होंने जेलों में बदलाव की बयार बहानी शुरू कर दी है
लखनऊ। जेलों के बारे में अक्सर नेगेटिव खबरें सुनने को मिलती थी लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल शुरू होने के बाद जब डीजी जेल की जिम्मेदारी आईपीएस अफसर आनंद कुमार को दी गई तो उन्होंने जेलों में बदलाव की बयार बहानी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में आज जहां गोरखपुर जेल में बंदियों के द्वारा आयुर्वेदिक औषधि वाटिका के साथ-साथ सुंदर उद्यान का भी निर्माण की खबर सामने आ रही है। वही मेरठ जेल प्रशासन ने सुभारती मेडिकल कॉलेज से सामजंस्य बिठाकर जेल में ही मेडिकल कैंप का आयोजन कराया है।
गौरतलब है कि 2017 में उत्तर प्रदेश में जब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली तो उन्होंने सबसे पहले पुलिस को अपराधियों के खिलाफ फ्री हैंड करते हुए हल्ला बोल शुरु कर दिया। जिसका नतीजा रहा कि यूपी की जेलों में दुर्दांत अपराधियों ने भी अंदर बैरक में ही रहना बेहतर समझा । यूपी पुलिस लगातार बदमाशों के खिलाफ हमलावर थी। जिस कारण जेलों में क्षमता से भी अधिक बंदी हो गए। ऐसे में लग रहा था कि यूपी की जेलों में एक बहुत बड़ी अव्यवस्था बंदियों के हाउसफुल होने से बन जाएगी, लेकिन पहले एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के रूप में बदमाशों को बदहवास करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 1988 बैच के आईपीएस अफसर आनंद कुमार को जब यूपी की जेलों का जिम्मा मिला तो उन्होंने जेल विभाग के अफसरों के साथ मिलकर एक ऐसा प्लान बनाया कि जेलों में बंदियों को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलने लगा।
कोरोना काल मे जिस तरह से जेलों में स्थिति खराब होने का अंदेशा जताया जा रहा था। उसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जेल विभाग के मुखिया आनंद कुमार ने बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जेलों में ही सैनिटाइजर, मास्क निर्माण, कोविड प्रोटेक्शन किट आदि सामग्री बनवानी शुरू कर दी थी, यही वजह है कि जेलों में कोविड-19 का असर नहीं हो पाया।
इसी बीच आज जेल विभाग के मुखिया आनंद कुमार ने दो ट्वीट किए। जिसमें उन्होंने बताया कि गोरखपुर जिला कारागार में बंदियों ने उत्साहित होते हुए एक आयुर्वेदिक औषधि वाटिका का निर्माण करने के साथ-साथ जेल के अंदर ही एक सुंदर उद्यान का भी निर्माण किया है। इसके साथ साथ ही मेरठ कारागार में एक मेडिकल कैंप कभी आयोजन किया गया। दरअसल बंदियों को कारागार से अस्पताल ले जाते वक्त बहुत सारी दिक्कतों का जेल प्रशासन को सामना करना पड़ता था। इसी को देखते हुए मेरठ जिला जेल प्रशासन ने मेरठ के सुभारती मैडिकल कॉलेज से सामजंस्य बैठाकर मेडिकल कॉलेज की एक अत्याधुनिक मेडिकल वैन के साथ डेंटिस्ट के एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम को जेल के अंदर ही भेज कर दांतों की समस्या से जूझ रहे बंदियों का अत्याधुनिक तरीके से चेकअप कराने के साथ-साथ इलाज भी शुरू कराया है। यूपी की जेलों से इस तरह की खबरें लगातार आती रहती हैं, जो बताती हैं कि यूपी की जेलों में अब बदलाव की बयार बह रही है।