शामली। भारत सरकार द्वारा सितम्बर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। जिसके तहत सुपोषण को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक प्रोत्साहन हेतु पूरे माह विभिन्न प्रकार की गतिविधियाॅ आयोजित होगी। जिसके सम्बन्ध में जिलाधिकारी जसजीत कौर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी सहित लगभग 15 विभागों के अधिकारियों को इस सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं। पूरे माह में स्वास्थ्य एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा कुपोषित बच्चों की पहचान स्वास्थ्य जाॅच व जरूरी उपचार के साथ ही माताओं को बच्चें की बेहतर देखभाल एवं स्वयं के खान-पान से जुड़ी-विभिन्न प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराई जायेंगी।
स्तनपान के साथ ही ऊपरी आहार से बच्चों मेें कुपोषण के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। बच्चों के जीवन के प्रथम 1000 (एक हजार) अन्तर्गत 06 माह तक केवल स्तनपान, (पानी, शहद घुट्टी कुछ भी नहीं) सातवें माह से अर्द्धठोस आहार की शुरूआत, 02 वर्ष तक सतत स्तनपान जारी रखने व सुपोषित आहार से शिशु के शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व मिलते हैं। जिससे उसका बेहतर शारीरिक व मानसिक विकास होता हैं। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियाॅं एवं आशाएॅ पूरे माह भ्रमण करके माताओं को जागरूक करेंगी।
इसके अलावा जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियाॅ एवं आशाएॅ पोषण माह के दौरान महिलाओं को फल एवं हरी पत्तेदार सब्जियों के महत्व को भी बतायेगी तथा उन्हें अपने दैनिक आधार में सम्मिलित करने के लिए प्रेरित भी करेंगी। मौसमी फल, पत्तेदार सब्जी, बैंगन, टमाटर, भिन्डी, तोरई, लौकी, परवल, कद्दू, पुदीना, गाजर, सहजन एवं तुलसी अदरख, गिलोय आदि स्वास्थ्य वर्धक पौधों को लगाने का भी विशेष अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान के अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र एवं शासकीय भवन परिसरों में प्राथमिकता के आधार पर पौधरोपण होगा तथा लोगों को अपने आस-पास औषधीय पौधों को लगाने के लिए भी प्रेरित किया जायेगा। शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों में किचेन गार्डन की स्थापना के निर्देश भी शासन स्तर से जारी किये गये है ताकि बच्चों को मध्यान्ह भोजन में ताजी एवं पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियाॅ भोजन के रूप में मिल सकें। जिला कार्यक्रम अधिकारी संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि भारत सरकार द्वारा कुपोषण को बढ़ावा देने के लिए जारी किये गये विस्तृत दिशा निर्देशों के अन्तर्गत व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। यह सभी कार्यक्रम कोविड-19 के दृष्टिगत निर्धारित प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए आयोजित किये जायेगे।
पोषण माह की मुख्य गतिविधियाॅः-
सर्वप्रथम गंभीर तीव्र कुपोषित बच्चों की प्रारंभिक पहचान।
स्तनपान के साथ ऊपरी आहार को बढ़ावा देना।
किचेनध्न्यूट्री गार्डन हेतु पौधे लगाये जाने पर बढ़ावा।
वृक्षारोपण का अभियान (''पोषण के लिए पौधे'')।
पोषण विषय पर आॅन-लाइन प्रतियोगिता।
डिजिटल पोषण पंचायत।
बेबिनार्स (वीडियों कान्फ्रेन्स)।
बेस्ट प्रैक्टिस एवं सक्सेज स्टोरीज।
समुदाय स्तर पर जन-सहभागिता।
सैम बच्चों में कुपोषण के स्तर में कमी लाना।