धर्मांतरण कराने वाले उमर गौतम व बेटे को बेल नहीं अभी भोगनी पडेगी जेल
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अवैध धर्मांतरण के मामले में मुख्य आरोपी उमर गौतम एवं उसके बेटे समेत पांच आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा है कि आरोपियों को जमानत पर रिहा किए जाने से देश की एकता और अखंडता को खतरा उत्पन्न हो सकता है। याचिका खारिज करने के साथ ही अदालत ने विचारण अदालत को आरोपियों के मामले का परीक्षण 1 साल के भीतर पूरा करने का आदेश भी दिया है।
शनिवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस सरोज यादव की पीठ ने धर्मांतरण के मामले में कारागार में बंद चल रहे उमर गौतम एवं उसके बेटे अब्दुल्ला उमर, सलाहुद्दीन, मोहम्मद सलीम, राहुल अहमद उर्फ राहुल भोला की ओर से दाखिल की गई अलग-अलग जमानत याचिकाओं को अलग-अलग आदेशों के अंतर्गत खारिज कर दिया है। एनआईए एक्ट के अंतर्गत अपील दायर करके आरोपियों ने विचारण अदालत द्वारा उनकी जमानत अर्जियां खारिज किए जाने के आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। लखनऊ खंडपीठ ने धर्मांतरण मामले में मुख्य आरोपी उमर गौतम एवं उसके बेटे समेत पांचों आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा है कि इन आरोपियों को जमानत पर रिहा करने से देश की एकता एवं अखंडता के लिए खतरा पैदा हो सकता है। अदालत ने इसके साथ ही विचारण अदालत को आरोपियों के केस का परीक्षण 1 साल के भीतर पूरा कर लेने का भी आदेश दिया है।