गृहराज्यमंत्री के बेटे की बेल पर सुप्रीम कोर्ट की UP सरकार को फटकार

गृहराज्यमंत्री के बेटे की बेल पर सुप्रीम कोर्ट की UP सरकार को फटकार

नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर दिन रविवार को किसानों पर कार चढ़ाने को लेकर हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर उच्चतम न्यायालय की तलवार लटकती हुई दिखाई दे रही है। किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों के ऊपर कार चढाने के मुख्य आरोपी गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मोनू की जमानत रद्द करने को लेकर दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल को सुनवाई करने का फैसला लिया है।

बुधवार को उच्चतम न्यायालय की ओर से किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर दिन रविवार को आंदोलन कर रहे किसानों के ऊपर कार चढाने के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई का फैसला लिया है। बीते साल 3 अक्टूबर दिन रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई इस घटना को लेकर अदालत ने कहा है कि उसकी ओर से गठित की गई कमेटी ने भी लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू की जमानत को रद्द करने की सिफारिश की है। लखीमपुर खीरी की घटनाओं पर नजर रखने के लिए अदालत की ओर से इस कमेटी का गठन किया गया था। उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द नहीं किए जाने पर यूपी सरकार को भी खरी-खोटी सुनाई है।

चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकील से कहा कि लखीमपुर केस की जांच कर रहे जज ने जमानत को रद्द करने की सिफारिश की थी। इसके बाद भी सरकार की ओर से ऐसा क्यों नहीं किया गया। मृतक किसानों के परिजनों के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा बेहद प्रभावशाली है। सीजेआई ने कहा कि एसआईटी ने उत्तर प्रदेश के मुख्य गृह सचिव को चिट्ठी लिखकर बेल कैंसिल करने की सिफारिश की थी। मामले की मानिटरिंग करने वाले जज ने भी ऐसी ही बात कही थी। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है, मैंने उस रिपोर्ट को भी नहीं देखा है।

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