कोर्ट का सुप्रीम आदेश-3 माह में गिरेंगी सुपरटेक की दो बहुमंजिला इमारत
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक एमेरोल्ड की नोएडा में बनी 40 मंजिला दो इमारतों को 3 माह के भीतर गिराने का आदेश दिया है। गिराए जाने वाली दोनों इमारतें नोएडा एक्सप्रेसवे के पास बनी हुई है। दोनों इमारतों में एक-एक हजार फ्लैट है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जिस समय नक्शा पास हुआ था उस वक्त दोनों टॉवरों की अथारिटी से अनुमति नहीं ली गई थी। नियमों का उल्लंघन करते हुए इन टॉवरों को बनाया गया है।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की दो सदस्यीय बेंच ने यह फैसला सुनाते हुए निवेशकों को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ ली गई पूरी रकम को भी लौटाने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा है कि टॉवर तोड़ते समय दूसरी इमारतों को नुकसान नहीं पहुंच सके, इसका पूरा ख्याल रखा जाए। इसके अलावा सुपरटेक की तरफ से आरडब्ल्यूए को दो करोड़ रुपए का हर्जाना भी देना होगा।
दरअसल नोएडा प्राधिकरण ने वर्ष 2006 में सुपरटेक को 17.29 एकड़ यानि लगभग 70 हजार वर्ग मीटर जमीन सेक्टर-93ए में आवंटित की थी। इस सेक्टर में एमराल्ड कोर्ट ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के तहत 15 टावरों का निर्माण किया गया था। प्रत्येक टॉवर में 11 मंजिल बनी थीं। वर्ष 2009 में नोएडा अथॉरिटी के पास सुपरटेक बिल्डर ने रिवाइज्ड प्लान जमा कराया। इस प्लान में एपेक्स व सियान नाम से दो टावरों के लिए एफएआर खरीदा। बिल्डर ने इन दोनों टावरों के लिए 24 फ्लोर का प्लान मंजूर करा लिया। इस पर बिल्डर ने 40 फ्लोर के हिसाब से 857 फ्लैट बनाने शुरू कर दिए। इनमें 600 फ्लैट की बुकिंग हो गई। ज्यादातर ने फ्लैट की रकम भी जमा करानी शुरू कर दी।