कोर्ट का सुप्रीम आदेश-रिहा कैदी अगले आदेश तक नहीं करेंगे आत्मसमर्पण
नई दिल्ली। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान राज्यों की उच्च अधिकार प्राप्त समितियों द्वारा रिहा किए गए कैदी उच्चतम न्यायालय के अगले आदेशों तक आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। शीर्ष अदालत ने राज्यों की उच्च अधिकार प्राप्त समितियों द्वारा पालन किए गए नियमों के विवरण मिलने के बाद एक रिपोर्ट दायर करने को भी कहा है।
शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया है कि उसकी ओर से दिये गये निर्देश पर कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान राज्यों की उच्च अधिकार प्राप्त समितियों द्वारा रिहा किए गए कैदियों को अगले आदेशों तक आत्मसमर्पण करने के लिए नहीं कहा जाएगा। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन की अध्यक्षता में गठित विशेष पीठ ने राज्यों की उच्च अधिकार प्राप्त समितियों को निर्देश दिया है कि देशभर की जेलों में भीड़ कम करने के लिए कैदियों की रिहाई पर उसके द्वारा मई माह में दिये गये आदेश को लागू करने में अपनाए गए नियमों की जानकारी 5 दिन के भीतर न्यायालय में दाखिल की जाए। देश की शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण से राज्यों की उच्च अधिकार प्राप्त समितियों द्वारा पालन किए गए नियमों के विवरण मिलने के बाद एक रिपोर्ट दायर करने को भी कहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों देशभर में कोविड-19 मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि का संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय की विशेष पीठ ने 7 मई को उन सभी कैदियों को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था जिन्हें पिछले साल जमानत या पैरोल दी गई थी।