गिर सोमनाथ में कोर्ट का बुलडोजर कार्यवाही पर रोक से सुप्रीम इनकार

गिर सोमनाथ में कोर्ट का बुलडोजर कार्यवाही पर रोक से सुप्रीम इनकार

नई दिल्ली। औलिया ए दीन समिति की ओर से दाखिल की गई याचिका को लेकर दिग्गज वकील कपिल सिब्बल की ओर से दी गई दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने गिर सोमनाथ क्षेत्र में अवैध निर्माण पर बुलडोजर कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से गुजरात के गिर सोमनाथ में प्रशासन की ओर से अवैध निर्माण हटाने को लेकर की जा रही कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में औलिया ए दीन समिति की ओर से याचिका दायर करते हुए मौके पर यथा स्थिति बनाए रखने की डिमांड की गई थी।

जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ पहले यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश जारी करने वाली थी, लेकिन बाद में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय की पीठ में यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश देने से इनकार कर दिया।

दरअसल औलिया ए दीन समिति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत में अपील दलील देते हुए प्रशासन की ध्वस्तीकरण की कार्यवाही का विरोध करते हुए तर्क दिया कि जिस जमीन को अवैध बताया जा रहा है वह भूमि 1903 की है और समिति के नाम पर पंजीकृत थी। कपिल सिब्बल ने कहा कि भूमि की कानूनी और ऐतिहासिक स्थिति को सम्मान दिए बगैर विध्वंस की कार्रवाई मनमाने तरीके से की जा रही है।

इस पर सीजी तुषार मेहता की ओर से जब दस्तावेज प्रस्तुत किए गए तो उनमें विवादित भूमि को सोमनाथ ट्रस्ट के कब्जे में होना दर्शाया गया था। सीजी ने कहा है कि याचिकाकर्ता के दावे पूरी तरह से भ्रामक है और सरकार को अवैध निर्माण को हटाने का पूरा अधिकार है।

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