सुप्रीम कोर्ट का पुलिस को झटका- कांग्रेस सांसद के खिलाफ FIR रद्द

नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत ने गुजरात पुलिस को जोर का झटका देते हुए भड़काऊ गाने के मामले में कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से भड़काऊ गाने के मामले को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ गुजरात पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के मामले को लेकर सुनवाई की गई।
गुजरात पुलिस की ओर से जामनगर में दर्ज की गई एफआईआर की बाबत इमरान की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी लोकतंत्र का अभिन्न अंग है, ऐसे ही नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना भी अदालत का एक बड़ा कर्तव्य है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका एवं जस्टिस उज्जवल भुईया की बेंच ने गुजरात पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर को लेकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जोर देते हुए पुलिस और निचली अदालतों की संवेदनशीलता पर सवाल उठाए।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि गाने को लेकर इमरान प्रतापगढ़ी की तरफ से कोई अपराध नहीं हुआ है, जब आरोप लिखित में हो तो पुलिस अधिकारी को उसे ध्यान से पढ़ना चाहिए और बोले गए शब्दों का सही अर्थ भी समझना चाहिए।
अदालत ने कहा कि कविता में हिंसा का कोई संदेश नहीं है, बल्कि यह कविता अहिंसा को बढ़ावा देती है।
उल्लेखनीय है कि गुजरात पुलिस की ओर से कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी की इंस्टाग्राम पोस्ट में एक खून के प्यासे बात सुनो, कविता को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी।