कार्यशाला में किसानों को दी गुड कोल्हू व गन्ना जूस कारोबार की जानकारी

कार्यशाला में किसानों को दी गुड कोल्हू व गन्ना जूस कारोबार की जानकारी

मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित की गई गन्ना कोल्हू उद्योग उन्नयन कार्यशाला में शामिल हुए किसानों को जनपद में गन्ना उत्पादन एवं क्षेत्रफल पर प्रकाश डालते हुए गन्ने से गुड़, शक्कर के साथ जूस के उत्पादन के साथ इनकी बिक्री कर इससे होने वाले आर्थिक लाभ की जानकारी दी गई। किसानों से अधिक गन्ना उत्पादन करने के आह्वान के साथ गुड़, शक्कर और गन्ना जूस कारोबार से जुड़ने का आह्वान किया गया।

शहर के मेरठ रोड स्थित विकास भवन के सभागार में जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता एवं मुख्य विकास अधिकारी संदीप भागिया की सह अध्यक्षता तथा विशिष्ट अतिथि धर्मेंद्र मलिक राष्ट्रीय प्रवक्ता भारतीय किसान यूनियन की उपस्थिति में आयोजित की गई गन्ना कोल्हू उद्योग उन्नयन कार्यशाला में जिला गन्ना अधिकारी द्वारा जनपद में गन्ना उत्पादन एंव क्षेत्रफल पर प्रकाश डाला गया।


कृषि विज्ञान केन्द्र, खेकडा, बागपत के वैज्ञानिक डा० विकास मलिक द्वारा गुणवत्ता युक्त गन्ना उत्पादन की विभिन्न विधियों, प्रजातियों एंव कीटरोग रोकथाम पर वृहद रूप से प्रकाश डाला गया। उन्होंने गुड उत्पादन हेतु नवीनतम प्रजातियों एंव प्राकृतिक गन्ना उत्पादन पर जोर दिया गया।

कृषक योगेश बालियान ने इस दौरान महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि मेरे द्वारा गन्ने के जूस का मूल्य संवर्धन करके अच्छा लाभ प्राप्त किया जा रहा है। साथ ही शक्कर की गुणवत्ता नियंत्रित करके 120 रू0 प्रति कि०ग्रा० की दर से बिकी की जा रही है।

कृषक सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि गन्ना कोल्हू उद्योग हेतु विद्युत की दर मंहगी है, जबकि हैण्डलूम सैक्टर आदि में काफी सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध होती है। इस पर मुख्य विकास अधिकारी संदीप भागिया ने महाप्रबन्धक उद्योग को निर्देशित किया कि नियमानुसार कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें।

कृषक गिरिधर द्वारा गुड उत्पाद की पैकेजिंग, ब्राण्डिंग एंव मार्केटिंग पर प्रकाश डाला गया। विकास कुमार, कोल्हू संचालक द्वारा बताया गया कि गन्ना रस से सिरका बनाया जा रहा है। गन्ना सिरका की मार्केटिंग की चुनौती सिंथेटिक सिरके से मिल रही है। अतः सिरका की मार्केटिंग पर शासन प्रशासन से सहयोग की अपेक्षा है।

भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक के प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक द्वारा वृहद प्रकाश डालते हुए बताया गया कि गुड की गुणवत्ता के लिए कामन फैसिलिटी सेण्टर स्थापित किया जायें। जैविक गुड के परीक्षण हेतु मानक प्रयोगशाला स्थापित की जायें। जनपद में कोल्हू उद्योग का उन्नयन तभी संभव है जब गन्ना उत्पादक किसानों एंव कोल्हू संचालको के बीच आपसी सहमति एंव अनुबंध स्थापित हो।

धर्मेंद्र मलिक द्वारा यह भी जोडा गया कि प्रारम्भ में 10-15 कोल्हू संचालक सहकारिता के भाव से साथ आये एंव कार्य को आगे बढ़ायें। उनके द्वारा कोल्हू उद्योग क्षेत्र की नवीनतम तकनीकियों से सभी को अवगत कराया गया जिसमें शामली में स्थापित गुड उत्पादन इकाई के बारे में जहाँ गन्ना के बाद सीधे गुड बनाया जाता है।


उन्होंने पंजाब कृषि विद्यालय में गुड के क्यूब बनाने की तकनीक से अवगत कराया। वाई०एस० परमार कृषि वि०वि० ने गन्ने के जूस की पैकिंग एंव ब्रांडिंग के बारे में बताया गया।

मुख्य विकास अधिकारी, द्वारा बताया गया कि गुड उत्पादन के दौरान यदि साफ-सफाई एवं गुणवत्ता को बनाये रखा जाये तो यह उद्योग पूर्व की भांति अपने गौरव को पुनः प्राप्त कर सकता है। उनके द्वारा आश्वासन दिया गया कि यदि कुछ लोग सहकारिता के रूप में आगे आकर गन्ना कोल्हू उद्योग पर इमानदारी से कार्य करने को इच्छुक हो तो शासन प्रशासन हर संभव मदद के लिए तैयार है।

मुख्य विकास अधिकारी द्वारा खाद्य सुरक्षा विभाग को निर्देशित किया कि मुख्य मुख्य मिष्ठान की दुकानों पर गुड से बनी मिठाईयों को अवश्य बनवाया जायें।

जिलाधिकारी द्वारा सभी लोगो को सम्बोधित किया गया कि गुड एक जनपद एक उत्पाद के अन्तर्गत कोल्हू संचालको को 25 प्रतिशत की सब्सिडी पर लोन उपलब्ध कराया जायेगा। कोल्हू संचालकों को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाये। लागत मूल्य को कम किया जाये। जिसके ईंधन के रूप में सी०एन०जी० का स्टीम बायलर का उपयोग किया जाये। आन लाईन मार्केटिंग को बढावा दिया जायें, जिससे कोल्हू संचालकों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो। गन्ना कोल्हू उद्योग के संवर्धन हेतु सिंगल विण्डो क्रेडिट सिस्टम लागू किया जायेगा।

जिसके लिए महाप्रबन्धक उद्योग, अग्रणी जिला बैंक प्रबन्धक एव उप कृषि निदेशक संतोष कुमार को निर्देशित किया कि गन्ना कोल्हू उद्योग के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले कोल्हू संचालकों को ब्राण्ड अम्बेसडर के रूप में नेतृत्व दिया जायेगा।

जनपद के मुख्य स्थानों पर One Shop for Good Product के Outlets खोले जायें। गन्ना नर्सरी के लिए स्वंय सहायता समूहों को जोडा जाये।

जिलाधिकारी द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि गुड उद्योग के उन्नयन के लिए वायर सेलर-मीटिंग" का आयोजन शीघ्र कराया जायें।

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