बगैर टीईटी पास मास्टरों के वेतन पर लगी रोक- हाईकोर्ट ने दिया आदेश
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ की ओर से सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालयों में बगैर टीईटी उत्तीर्ण नियुक्त किए गए शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी गई है। हाईकोर्ट ने बिना टीईटी पास की गई इन नियुक्तियों को प्रथम दृष्टया नियमों के विपरीत माना है। इसके साथ ही अदालत ने एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी है। एकल पीठ ने वेतन देने का आदेश दिया था।
दरअसल वर्ष 2012 के दौरान उत्तर प्रदेश में खुले सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालय में प्रबंधकों द्वारा दो टीचर्स की नियुक्ति की गई थी। एकल पीठ के जज ने इन दोनों शिक्षकों की नियुक्ति को सही मानते हुए उनकी नियुक्ति की डेट अगस्त 2012 से साढे सात प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करने का निर्देश दिया था और कहा था कि भुगतान नहीं करने पर बकाया राशि की वसूली साढे बारह फ़ीसदी ब्याज के साथ दी जाएगी।
हाईकोर्ट की एकल पीैठ की ओर से दिये गये इस फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में विशेष अपील दाखिल की थी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस विकास की पीठ ने की। खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल की गई विशेष अपील पर एकल पीठ के पहले दिए गए निर्णय को रद्द करते हुए शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाई है।