नकल माफिया को लगा झटका- जमानत अर्जी नामंजूर रहना होगा जेल में
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक कराकर चारों तरफ हलचल मचा देने वाले नकल माफिया को अदालत की ओर से बड़ा झटका दिया गया है। हाकम सिंह समेत जिन 21 आरोपियों के ऊपर गैंगस्टर लगा है उनमें से सभी की जमानत अर्जी नामंजूर कर दी गई है। जबकि पंतनगर विश्वविद्यालय के पूर्व अधिकारी समेत चार को आज अदालत द्वारा जमानत दे दी गई है।
शनिवार को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में पंतनगर विश्वविद्यालय के पूर्व अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी, तुषार चौहान, भावेश जगूड़ी और अंकित रमोला को एडीजे चतुर्थ आशुतोष कुमार मिश्र की अदालत से जमानत मिल गई है।
बार काउंसिल के सदस्य अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने बताया है कि जमानत को लेकर अदालत के भीतर लगातार दो दिनों तक बहस का सिलसिला चला था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने दलील दी कि दिनेश चंद्र जोशी के पास कोई धनराशि बरामद नहीं हुई है। उसके ऊपर यह आरोप था कि उसने 8000000 रुपए में अभ्यर्थियों को स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर बेचा है। लेकिन इसका भी कोई पर्याप्त सबूत एसटीएफ अदालत में पेश नहीं कर सकी है।
पंतनगर विश्वविद्यालय के पूर्व अधिकारी से धन की रिकवरी नहीं होना चारों की जमानत का आधार बना। अदालत ने सभी को एक-एक लाख रूपये के दो दो जमानती पेश करने के लिए कहा। इसके बाद ही चारों को जमानत मिल सकी है।
इस मामले में जेल में बंद चल रहे नकल माफिया हाकम सिंह के अधिवक्ता ने भी उसकी जमानत अर्जी दाखिल की थी मगर न्यायालय ने उसकी अर्जी को नामंजूर कर दिया है