अस्पताल से रेमडेसीविर चुराती थी गर्लफ्रेंड-ब्लैक में बेचता था बॉयफ्रेंड
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में आकर संक्रमित हो रहे लोगों की संख्या आसमान छू रही है। जिसके चलते कोविड-19 के उपचार में काफी असरदार एंटीवायरल दवा रेमडेसीविर इंजेक्शन की बाजार में तेजी से मांग बढ़ रही है। इस बीच भोपाल की कोलार पुलिस ने जेके अस्पताल के एक नर्सिंग स्टाफ कर्मी को रेमडेसीविर इंजेक्शन चुराकर ब्लैक में बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस मामले में उसकी साझीदार गर्लफ्रेंड फरार है। वह भी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ में शामिल है।
दरअसल कोरोना संक्रमण के इलाज में काम आने वाले रेमडेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी किए जाने के आरोप में कोलार पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर एक युवक को दबोचा है। पूछताछ के दौरान पता चला कि गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम छलकन सिंह है। आरोपी कोरोना संक्रमण के इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती मरीज के पास रेमडेसीविर के इंजेक्शन की खाली शीशी रखकर उसे नॉरमल सलाइन लगा देते थे। जिसके चलते मरीज के परिजनों द्वारा लाए गए रेमडेसीविर के इंजेक्शन को चुराकर वह ब्लैक में बेच रहे थे। कोरोना संक्रमित को रेमडेसीविर का इंजेक्शन ना लगाकर वह सीधे-सीधे मरीजों की जान को खतरे में भी डाल रहे थे। आरोपी झलकन सिंह ने अस्पताल से मरीजों का चोरी किया गया एक रेमडेसीविर इंजेक्शन बीस से तीस हजार रुपये में भी बेचा है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी झलकन सिंह की गर्लफ्रेंड शालिनी इस मामले में फरार है। फरार हुई गर्लफ्रेंड अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज के परिजनों द्वारा लाये गये रेमडेसीविर के इंजेक्शन को चुराकर आरोपी झलकन सिंह को दे दी थी जो उसे ब्लैक में बेच देता था। पूछताछ के दौरान पता चला है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी ने जेके अस्पताल के ही डॉक्टर शुभम पटेरिया को भी 13000 रूपये में इंजेक्शन बेचा है। जिसका भुगतान ऑनलाइन किया गया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 389, 269 और 270 समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है। पुलिस फरार हुई गर्लफ्रेंड की सरगर्मी के साथ तलाश कर रही है।