घूसखोरी के मामले में प्रेसवार्ता करने से पहले ही दारोगा सस्पेंड
कानपुर। 50 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में बर्रा थाने से जेल गए दारोगा जेल से जमानत पर छूटने के बाद अपना पक्ष रखना चाहते थे, लेकिन दारोगा को प्रेस कांफ्रेंस करने से पहले ही पुलिस कमिश्नर ने सस्पेंड कर दिया है। दारोगा का दावा है कि उन्होंने तत्कालीन बर्रा थाना प्रभारी के कहने पर उनके लिए 50 हजार रुपये की घूस ली थी।
नजीराबाद थाने में तैनात रहे दारोगा दयाशंकर वर्मा को 2 दिन पहले लाइन हाजिर कर दिया गया था। लाइन हाजिर हुए दारोगा पिछले दिनों बर्रा थाने से 50000 रूपये की घूस लेने के मामले में जेल भेजे गए थे। जेल से छूटने के बाद जब दारोगा की बहाली हुई तो वह आम जनमानस के साथ अधिकारियों के सामने अपना पक्ष रखना चाहते थे। जिसके चलते उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का इरादा बनाया और अपना पक्ष रखने की तैयारियों में जुट गए। इसी बीच जब विभाग को पता चला तो लाइन में आमद नहीं कराने और बगैर अनुमति प्रेस कॉन्फ्रेंस की घोषणा करने के आरोपों में दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2014 में दारोगा बर्रा थाने में मुंशी थे, उनका दावा है कि उस दौरान एक अपराधी को छोड़ने के लिए तत्कालीन बर्रा थाना प्रभारी संजय मिश्रा ने उनके जरिए 50 हजार रुपए लिए थे। लेकिन संबंधित अपराधी ने घूसखोरी के इस मामले का वीडियो बनाकर तत्कालीन आईजी आशुतोष पांडे के सामने प्रस्तुत करते हुए शिकायत की थी। इसके बाद तत्कालीन आईजी ने दारोगा दयाशंकर वर्मा को ऑन ड्यूटी बर्रा थाने से ही गिरफ्तार करवा कर जेल भेज दिया गया था। इतना ही नहीं दारोगा के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।