दुष्कर्म पीड़िता के घर पहुंचे आईजी- बयान दर्ज में देरी पर मांगी रिपोर्ट
पीलीभीत। घर में खाना बनाते समय किशोरी के साथ दो युवकों द्वारा गैंगरेप के बाद उसे आग लगाने के मामले में आईजी ने आज किशोरी के घर पहुंचकर पीड़ित परिजनों से बातचीत की। आईजी ने इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक को जांच करने के बाद रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। उधर नाजुक हालत के चलते दुष्कर्म पीड़िता को दोपहर के समय राजधानी लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया है।
रविवार को आईजी रमित शर्मा पीलीभीत के माधोटांडा थाना क्षेत्र के गांव में हुए सामूहिक बलात्कार एवं पीडिता को जलाकर मारने की कोशिश के मामले में पीडिता किशोरी के घर पहुंचे और परिजनों से बातचीत की। इससे पहले पुलिस द्वारा रात में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज किया जा चुका था।
आईजी को पिता ने बताया कि घटना के दौरान वह खेत पर गया हुआ था। जबकि उसकी मां अपने मायके गई हुई थी। खेत से घर लौटे पिता को किशोरी झुलसी हालत में बेहोश पडी मिली थी। पहले किशोरी को वह पूरनपुर स्थित सरकारी अस्पताल में ले गए थे, जहां हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था।
पीडिता के पिता से मुलाकात के बाद आईजी सीधे माधव टांडा थाने पहुंचे और इस संबंध में दर्ज एफआईआर की जांच पड़ताल की। इंस्पेक्टर सुरेंद्र प्रताप सिंह ने पूछताछ में बताया कि रात में ही घटना की एफ आई आर दर्ज कर ली गई थी और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें अब जेल भेजा जा रहा है।
आईजी ने इसके बाद पुलिस दफ्तर पहुंचकर पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह से घटना के संबंध में जानकारी ली और पूरे मामले की जांच रिपोर्ट मांगी। आईजी ने पूछा है कि समय से पीड़िता के बयान क्यों नहीं दर्ज हो पाए हैं? इसमें किसकी लापरवाही है? इसको लेकर आईजी ने जांच रिपोर्ट मांगी है।