सरकारी स्कूल की टीचर फरमा रही घर आराम- गांव की लड़की पढ़ा रही...
बरेली। प्राइमरी स्कूल में तैनात प्रधानाध्यापिका ने विभाग से मिलने वाली सैलरी को आराम से डकारने का नया फार्मूला ईजाद किया। इस फार्मूले के अंतर्गत खुद घर बैठ गई और अपने स्थान पर गांव की लड़की को पढ़ाने के लिए रख लिया। ग्राम प्रधान द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी से की गई शिकायत के बाद बीईओ द्वारा मामले की जान शुरू कर दी गई है।
बरेली जनपद के फरीदपुर ब्लॉक क्षेत्र के गांव कलीनंगला के प्राथमिक स्कूल में प्रियंका गंगवार नामक शिक्षिका की तैनाती प्रधानाध्यापक के रूप में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा की गई है।
ग्राम प्रधान पति का आरोप है कि स्कूल में नियुक्त की गई प्रधानाध्यापिका पिछले काफी समय से बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में नहीं आ रही है और प्रधानाध्यापिका ने अपने स्थान पर गांव की ही एक लड़की को 5000 रुपए प्रति महीने की सैलरी पर बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में लगा रखा है।
स्कूल के बच्चे अभिभावकों से इसकी शिकायत कर रहे हैं। अभिभावकों ने गांव की महिला प्रधान अखिलेश यादव से जब इस मामले की शिकायत की तो ग्राम प्रधान के पति गांव के लोगों को साथ लेकर स्कूल में सत्यता जानने के लिए पहुंचे।
स्कूल पहुंचने पर पता चला कि प्रधानाध्यापिका स्कूल में अपनी ड्यूटी से नदारद है और पांच हजार रुपए प्रति माह की सैलरी पर रखी गई गांव की लड़की बच्चों को पढ़ाने में लगी हुई है।
ग्राम प्रधान पति और उनके साथ गए गांव वालों ने स्कूल में बच्चों को पढ़ा रही लड़की का वीडियो बनाया और इस मामले को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
ग्राम प्रधान अखिलेश यादव ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से इस मामले की शिकायत की है। इस मामले का संज्ञान लेते हुए अब बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भुतहा के बीईओ को मामले की जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।