हेट स्पीच वाले चर्चित यति नरसिंहानंद फंसे गए अदालत की अवमानना में
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के खिलाफ यति नरसिंहानंद की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में "अदालत की अवमानना" कार्रवाई शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने शुक्रवार को अपनी सहमति दी।
मुंबई के सामाजिक कार्यकर्ता शची नेल्ली द्वारा नरसिंहानंद के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग करने वाले एक पत्र के जवाब में अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने कहा, "मैंने आपके पत्र और यति नरसिंहानंद द्वारा दिए गए बयानों का वीडियो देखा है। मुझे लगता है कि यति नरसिंहानंद द्वारा दिया गया यह कथन "जो लोग इस प्रणाली में विश्वास करते हैं, इन राजनेताओं में, सर्वोच्च न्यायालय में और सेना में सभी कुत्ते की मौत मरेंगे" उच्चतम न्यायालय की प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ तथा उसकी अवमानना की श्रेणी में आता है।
अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने लिखा, "मैं तदनुसार अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 15 के तहत भारत के सर्वोच्च न्यायालय की आपराधिक अवमानना के लिए कार्यवाही शुरू करने के लिए अपनी सहमति देता हूं।''
सामाजिक कार्यकर्ता शची नेल्ली ने अटॉर्नी जनरल को लिखे अपने पत्र में कहा था कि नरसिंहानंद के एक आपत्तिजनक साक्षात्कार ने ( जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर वायरल हो गया) सर्वोच्च न्यायालय की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश की है।
नरसिंहानंद ने ये बयान कथित रूप से हरिद्वार "धर्म संसद" के एक मामले में अदालती कार्यवाही के संबंध में सवालों के जवाब में दिए थे। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के डासना मंदिर के प्रधान पुजारी नरसिंहानंद आपत्तिजनक भाषण के मामले में गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में है।
वार्ता