पंचायत सचिव को बंधक बनाने के मामले में मुखिया दंपति को मिली सजा

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दुमका। झारखंड में दुमका की एक अदालत ने जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के एक पंचायत सचिव पर अवैध दबाव बनाने तथा कार्यालय में बंद करने से संबंधित नौ साल पुराने मामले में पूर्व मुखिया और उसकी पत्नी वर्तमान मुखिया दम्पत्ति को डेढ़ साल के कारावास के साथ पांच हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी है।

दुमका के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी विजय कुमार यादव की अदालत ने रामगढ़ थाना कांड संख्या 114/2013 में दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद रामगढ़ थाना क्षेत्र के सिलठा बी पंचायत के पूर्व मुखिया श्यामलाल पहाड़िया और उसकी पत्नी वर्तमान मुखिया मूर्ति देवी को दोषी पाकर सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने को लेकर भारतीय दंड विधान की धारा 353 के तहत डेढ़ साल के कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

मामले में सरकार की ओर से सहायक लोक अभियोजक राम किंकर पांडेय ने पैरवी की और बहस में हिस्सा लिया। अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में पांच गवाह पेश किये गये तथा प्रतिपरीक्षण कराया गया।

जिले के रामगढ़ प्रखंड क्षेत्र के पंचायत सचिव विष्णु कुमार चौधरी की शिकायत पर सिलठा बी के पूर्व मुखिया श्यामलाल पहाड़िया और उसकी पत्नी वर्तमान मुखिया मूर्ति देवी के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी। दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, 17 जुलाई 2013 को रामगढ़ प्रखंड के सिलठा बी के पूर्व मुखिया श्यामलाल पहाड़िया जो वर्तमान में सीएचसी में कार्यरत है ने अपनी पत्नी और वर्तमान मुखिया मूर्ति देवी एवं उसकी सहेली के साथ मिलकर पंचायत सचिव विष्णु कुमार चौधरी को अवैध कार्य करने के लिए दबाब बनाने को लेकर कार्यालय में बंद कर दिया था। हालांकि, बाद में पुलिस के पहुंचने पर पंचायत सचिव को मुक्त कराया जा सका था।

वार्ता

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