हेराफेरी मामला- अदालत ने मुश्रीफ के खिलाफ की गंभीर टिप्पणी

हेराफेरी मामला- अदालत ने मुश्रीफ के खिलाफ की गंभीर टिप्पणी

कोल्हापुर। मुंबई की विशेष प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अदालत ने शनिवार को जांच एजेंसी ओर से दायर हेराफेरी के मामले में सरसेनापति संताजी घोरपड़े चीनी कारखाने के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) महेश गौरव की जमानत याचिका खारिज कर दी। साथ ही अदालत ने महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ के खिलाफ गंभीर टिप्पणी की।

अदालत ने कहा कि उन्होंने (श्री मुश्रीफ ) कथित तौर पर किसानों को धोखा दिया है और उनका पैसा अपने पुत्रों की निजी कंपनियों में निवेश किया है। सुनवाई के दौरान विशेष अदालत ने गौरव की जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसने मुश्रीफ द्वारा किसानों से एकत्र किए गए धन के बारे में सारी जानकारी दी और जिस तरह से उन्हें मुश्रीफ के पुत्रों की निजी कंपनियों में निवेश किया गया था।

गौरव की जमानत अर्जी खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि सरसेनापति संताजी घोरपड़े चीनी कारखाने के संस्थापक सदस्य के रूप में मुश्रीफ ने किसानों से पैसा लिया और निजी कंपनियों में निवेश किया, जिसमें उनके पुत्र निदेशक हैं। अदालत ने कहा, "यह प्रथमदृष्टया स्पष्ट है कि श्री मुश्रीफ ने कथित तौर पर किसानों को धोखा दिया है और उनका पैसा अपने पुत्रों की निजी कंपनियों में निवेश किया है।" ताजा घटनाक्रम के बाद यहां राजनीतिक हलकों में अटकलें हैं कि दो दिन पहले ही जिला संरक्षक मंत्री नियुक्त किए गए मुश्रीफ की समस्याएं बढ़ सकती हैं।

वार्ता

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