नाबालिग से कुकर्म के आरोपी को आजीवन कारावास और भारी जुर्माना
मथुरा। उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक अदालत ने सोमवार को नाबालिग से कुकर्म करने के एक आरोपी को आजीवन कारावास का आदेश देते हुए उस पर 70 हजार का जुर्माना लगाया।
अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो ऐक्ट राम किशोर तृतीय द्वारा दिये गए इस अदालती निर्णय की सबसे बड़ी विशेषता बताते हुए स्पेशल डीजीसी पाॅक्सो ऐक्ट ने बताया कि अदालत ने इस मुकदमे का निपटारा 30 कार्य दिवस में करके त्वरित न्याय देने का उदाहरण पेश किया है।
अभियोजन पक्ष की ओर से पीड़ित के पिता द्वारा 23 जुलाई 2023 को थाना कोसीकलां में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि उसका लडका (पीडित) अन्दर वाले घर जा रहा था। रास्ते में हुकम पीड़ित को बहकाकर अपने नौहरे में ले गया और वहां ले जाकर पीड़ित के साथ अश्लीलता करने लगा। इसी बीच पीड़ित की मां ने यह देख लिया । महिला शोर मचाने पर आस पड़ाेस के लोगों ने नाबालिग को छुड़वाया।
इसके बाद पीड़ित के पिता ने थाना कोसीकलां में इस घटना की तहरीर दी, जिस पर पुलिस ने अभियुक्त हुकम के विरूद्ध धारा 377 भारतीय दण्ड संहिता व 5/6 पोक्सो एक्ट के तहत पंजीकृत किया। स्पेशल डीजीसी पाॅक्सो ऐक्ट अलका उपमन्यु ने बताया कि दण्ड के प्रश्न पर जहां अभियुक्त पक्ष के अधिवक्ता ने दलील दी कि चूंकि अभियुक्त घर में अकेला ही कमानेवाला है तथा घर की देखभाल भी वही करता है इसलिए उसे कम से कम दण्ड दिया जाना चाहिए वही उन्होंने कहा कि अभियुक्त ने 6 साल के बच्चे के साथ जघन्य अपराध किया है इसलिए उसे सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए।
न्यायाधीश ने अभियुक्त पक्ष की दलीलों को अस्वीकार करते हुए अभियुक्त हुकम को धारा 377 आईपीसी के तहत दस वर्ष का कठोर कारावास व 20 हजार रूपए अर्थ दण्ड और अर्थदण्ड न जमा करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास तथा पाॅक्सो अधिनियम 2012 की धारा 6 के अन्तर्गत शेष प्राकृत जीवन के लिए आजीवन कारावास तथा 50 हजार का जुर्माना तथा जुर्माना न अदा करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगने का आदेश दिया है।
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अभियुक्त द्वारा जेल में बिताई गई अवधि का समायोजन उसकी अंतिम सजा में किया जाएगा तथा जुर्माने की आधी राशि पीड़ित को दी जाएगी।
वार्ता