लेखपाल भी चली एसडीएम की राह- मांगा पति से तलाक- अदालत ने किया..
बाराबंकी। शादी के बाद ससुराल में आने के पश्चात पढ़ाई लिखाई करते हुए लेखपाल बनी किसान की पत्नी भी पीसीएस अफसर की राह पर चलते हुए अब अपने पति से तलाक मांगने के लिए अदालत पहुंच गई है। लेकिन न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए पत्नी की तरफ से दाखिल किये गये तलाक के मुकदमे को आधारहीन बताते हुए उसे खारिज कर दिया है।
दरअसल उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में भी लेखपाल बनी महिला ने पीसीएस अफसर ज्योति मौर्य की राह पर चलते हुए अपने किसान पति से तलाक मांग लिया है। किसान के साथ शादी करते हुए ससुराल में आकर पढ़ाई लिखाई करने के बाद लेखपाल बनी महिला ने अपने किसान पति के ऊपर खुद के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अदालत पहुंचकर तलाक की अर्जी दाखिल कर दी है। पारिवारिक न्यायालय कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने लेखपाल की ओर से दाखिल किये गये तलाक के इस मामले की सुनवाई करते हुए लेखपाल महिला की तरफ से दाखिल किए गए तलाक के मुकदमे को आधारहीन बताते हुए उसे खारिज कर दिया है।
उधर लेखपाल बनी महिला के पति ने बताया है कि उसने शादी के बाद अपनी पत्नी को एमए-बीएड कराने के लिए अपने खेत को भी बेच दिया था। अब पढ़ाई लिखाई करने के बाद जब उसकी पत्नी लेखपाल बन गई है तो उसका मन भी बदल गया है। जिसके चलते उसने पारिवारिक अदालत पहुंचकर उससे तलाक मांगने की अर्जी दी है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में शादी के बाद ससुराल में आकर पढ़ाई लिखाई करते हुए पीसीएस अफसर बनी ज्योति मौर्य ने अपने पति आलोक मौर्य से तलाक मांग लिया था जो मौजूदा समय में भी लोगों के बीच भारी चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग पीसीएस अफसर की तलाक की बात को नाजायज करार दे रहे हैं। हालांकि कुछ लोग पीसीएस अफसर के हक में खड़े भी हुए हैं, लेकिन विरोध करने वालों की संख्या ज्यादा है।