क्या चाइल्ड पोर्न देखना अपराध? कोर्ट ने सुरक्षित रखा सुप्रीम फैसला

नई दिल्ली। मोबाइल फोन अथवा किसी अन्य संसाधन के जरिए चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए अपने फैसले को फिलहाल सुरक्षित रख लिया है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े उस मामले की सुनवाई की है, जिसमें केरल हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसमें कहा गया है कि मोबाइल फोन में बच्चों से जुड़े पॉर्न वीडियो को डाउनलोड करना अपराध नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े मामले की सुनवाई करने के बाद फिलहाल इस पर अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है।
दरअसल केरल हाई कोर्ट ने वर्ष 2023 की 13 सितंबर को इस तरह के मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि अगर निजी तौर पर कोई व्यक्ति किसी तरह की अश्लील फोटो अथवा वीडियो देख रहा है तो यह अपराध नहीं है। लेकिन अगर वह दूसरे को दिखा रहा है तो उसका यह कृत्य गैर कानूनी होगा।
केरल हाई कोर्ट के इस फैसले के आधार पर पहले केरल हाई कोर्ट और उसके बाद मद्रास हाई कोर्ट में एक आरोपी के दोष मुक्त हो जाने के बाद एक स्वयंसेवी संस्थान सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।