हाईकोर्ट ने समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध को बताया अंसवैधानिक
टोक्या। जापान के टोक्यो हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध को असंवैधानिक करार दिया है, लेकिन निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है जिसमें राज्य से मुआवजे की मांग को खारिज किया गया था। जापान की ‘क्योदो समाचार’ एजेंसी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अदालत ने कहा कि यह प्रतिबंध संविधान में वर्णित समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है और लोगों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करता है। अपने मुकदमे में, सात वादियों ने राज्य से मुआवजे में 10 लाख येन ( 6,500 डॉलर) की मांग की थी। वर्ष 2022 में, टोक्यो डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने उनके दावे को खारिज कर दिया, जिसके बाद उन्होंने मामले में उच्च न्यायालय में अपील की।
जापान में समलैंगिक विवाह को कानूनी रूप से मान्यता नहीं है और राज्य ऐसे जोड़ों को कोई कानूनी सुरक्षा प्रदान नहीं करता है। मार्च में, जापान के साप्पोरो उच्च न्यायालय ने पहली बार फैसला सुनाया था कि समलैंगिक संबंधों पर प्रतिबंध लगाना असंवैधानिक था। इस कदम का कार्यकर्ताओं ने व्यापक समर्थन किया।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यह फैसला समलैंगिक जोड़ों के लिए पूरी तरह से सकारात्मक नहीं है, क्योंकि इसमें राज्य से मुआवजे की मांग को खारिज कर दिया गया है। लेकिन यह फैसला जापान में समलैंगिक अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इस तरह के विवाह को मान्यता देने की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान करता है। जून 2023 में, जापानी सरकार ने एलजीबीटी प्लस लोगों के प्रति समझ को बढ़ावा देने के लिए एक कानून बनाया।