हाईकोर्ट ने पलटा फैसला- 19 लड़कियों को मारकर खाने वालों को फांसी नहीं

हाईकोर्ट ने पलटा फैसला- 19 लड़कियों को मारकर खाने वालों को फांसी नहीं

प्रयागराज। हाईकोर्ट की नजर में 19 लड़कियों को मारकर खाने वाले दोषी फिलहाल निर्दोष होना दिखाई दिए हैं। सीबीआई की अदालत ने जिन दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी, फिलहाल हाईकोर्ट ने उनकी फांसी पर रोक लगा दी है। लंबे समय तक चली बहस के बाद की गई अपीलों पर हाईकोर्ट ने सितंबर महीने में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।

सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के निठारी कांड में दोषी ठहराए गए सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंथेर की अपील मंजूर कर ली है। गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने इन दोनों दोषियों को पहले फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने अब इन दोनों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है।

सोमवार को हाईकोर्ट के जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र एवं जस्टिस एस एच ए रिजवी की दो सदस्यीय पीठ ने आज यह अपना फैसला सुनाया है। उल्लेखनीय है कि नोएडा में वर्ष 2005 एवं 2006 को अंजाम दिए गए निठारी कांड के अंतर्गत बच्चियों, लड़कियों एवं महिलाओं की रेप के बाद हत्या किए जाने के 19 मुकदमे दर्ज किए गए थे।

पुलिस ने साक्ष्य के अभाव में इन 19 मुकदमों में से तीन मुकदमों में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी। बाकी बचे 16 मुकदमों को लेकर गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट द्वारा अपना फैसला सुनाया जा चुका है।

इन तेरह मुकदमों में सुरेंद्र कोली को सजा मौत सुनाई गई है। जबकि तीन मामलों में उसे बरी किया गया है। मनिंदर पंथेर को दो मुकदमों में सीबीआई कोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई थी। जबकि एक मुकदमे में 7 साल की सजा सुनाने के अलावा चार मुकदमों में अदालत द्वारा उसे बड़ी कर दिया गया था।

फांसी की सजा के खिलाफ दोनों दोषियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी, जिस पर आज हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है और दोनों दोषियों की फांसी की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी है।

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