हाईकोर्ट ने दिया सिपाहियों की भर्ती परिणाम घोषित करने का आदेश
प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग लखनऊ को दो माह में आबकारी विभाग के सिपाहियों की भर्ती परिणाम घोषित करने का आदेश दिया है।
न्यायालय ने कहा कि पूरी हो चुकी विजिलेंस जांच मे आयोग के खिलाफ कोई आरोप नही लगाये गये हैं । ऐसे में आपराधिक कार्यवाही विचाराधीन होने के कारण आयोग अनिश्चित काल तक परीक्षा परिणाम रोके नही रह सकता। आपराधिक कार्यवाही पूरी होने में लंबा समय लगना स्वाभाविक है। कार्यवाही के अंतिम निष्कर्ष पर निर्भर करते हुए परीक्षा परिणाम घोषित किया जाए।
वर्ष 2016 की भर्ती में अनियमितता की जांच एवं आपराधिक कार्यवाही के चलते आयोग ने परिणाम घोषित करने में असमर्थता प्रकट की थी। हालांकि पहले आयोग ने न्यायालय को बताया था कि अगस्त 2019 तक परिणाम घोषित कर दिया जायेगा। अब न्यायालय ने परिणाम घोषित करने के लिए आयोग को दो माह का समय दिया है।
न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने आशुतोष दुबे और आठ अन्य की याचिका पर पारित आदेश को संशोधित करने की अर्जी को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया है ।
आयोग का कहना था कि विजिलेंस की जांच पूरी हो चुकी है। परीक्षा को लेकर एफ आई आर दर्ज करायी गयी है। जिसमें आयोग के खिलाफ भी आरोप लगे हैं। दो जगहो पर चार्जशीट दाखिल की गयी है। आपराधिक केस कायम हुआ है। आयोग के खिलाफ जांच में पेश फाइनल रिपोर्ट कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है और नये सिरे से विवेचना का निर्देश दिया है। ऐसे में परिणाम घोषित नही किया जा सकता है। न्यायालय ने इस दलील को नही माना और परीक्षा परिणाम घोषित करने के आदेश का दो माह में पालन करने का निर्देश दिया है।