रंग लाये डीएम के प्रयास- CM डैशबोर्ड रैंकिंग में मिला चौढा स्थान....

रंग लाये डीएम के प्रयास- CM डैशबोर्ड रैंकिंग में मिला चौढा स्थान....

मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा की ओर से अधिकारियों के साथ मिलकर किए गए प्रयासों से सीएम डैशबोर्ड रैंकिंग में जनपद मुजफ्फरनगर को चतुर्थ स्थान मिला है। अन्य क्षेत्रों की रैंकिंग में भी जनपद ने अपनी स्थिति में सुधार करते हुए बेहतर रैंक प्राप्त की है।

बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश शासन की ओर से वर्ष 2025 के मार्च माह के लिए सीएम डैशबोर्ड की रैंकिंग जारी की गई है। जिसमें जनपद मुजफ्फरनगर को चतुर्थ स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि पिछले महीने जनपद मुजफ्फरनगर की स्थिति सीएम डैशबोर्ड रैंकिंग में काफी खराब रही थी। जनवरी महीने की समीक्षा में जनपद मुजफ्फरनगर की उत्तर प्रदेश में 56 भी तथा फरवरी महीने में दसवीं रैंक आई थी।

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने जनपद के इस खराब प्रदर्शन को सुधारने के लिए लगातार प्रयास किये और नियमित रूप से विभागों के साथ बैठक कर उनके कामों की समीक्षा की।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के मुताबिक समस्त जनपदों की कार्य योजनाओं के अनुश्रवण के लिए शासन स्तर पर केंद्रीय कृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया। इस एकीकृत पोर्टल को सीएम डैशबोर्ड का नाम दिया गया।

सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से विभिन्न विभागों द्वारा नागरिकों को उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं एवं विभागों की योजनाओं परियोजनाओं में विभिन्न स्तरों के अधिकारियों के प्रदर्शन के आधार पर उनकी रैकिंग निश्चित की जा रही है।

संबंधित विभाग के द्वारा इस पोर्टल पर अपने आंकडे भरे जाते है। सीएम डैशबोर्ड करीब 60 मापदंडों पर आधारित है। जिसमें विकास और राजस्व आदि के आंकडे भी दिए जाते है। प्रदेश में विभिन्न विभागों की सेवाओं, योजनाओं आदि को ऑनलाइन इंटीग्रेट करते हुए मुख्यमंत्री के अवलोकनार्थ तैयार किया जाता है।

सीएम डैशबोर्ड की प्रत्येक माह समीक्षा की जाती है। सीएम डैशबोर्ड को लेकर सितम्बर 2024 और अक्टूबर 2024 में जनपद की स्थिति काफी अच्छी रही है। इन दोनों माह में जनपद टॉपटेन की सूची में रहा है।

सितम्बर माह में जनपद की प्रदेश में 5वीं रैंक आयी थी। वहीं रेवेन्यू में 6वीं और डेवलपमेंट में 17वीं रैकिंग आयी थी। वहीं अक्टूबर माह में 7वीं रैंक आयी थी। दिसम्बर माह की समीक्षा में मुजफ्फरनगर पूरे प्रदेश में 51वें स्थान पर आया था।

लेकिन इसके बाद जनवरी माह की समीक्षा में जनपद मुजफ्फरनगर की प्रदेश में 56वीं रैंक आई थी।

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा जब इस मामले की गहराई से छानबीन की गई तो सामने आया कि अधिकारियों द्वारा विभिन्न कार्यों में बडी लापरवाही बरती गई, जिस कारण जनपद टापटेन की सूची से बाहर हो गया।

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने जिले की लगातार गिरती रैंक पर अपना कड़ा रुख अपनाते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना, कृषि कार्य, स्ट्रीट लाइट, ग्राम उन्नति योजना, पशुटीकाकरण, पीएम पोषण योजना, दिव्यांगजन पेंशन में आधार फिडिंग, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना और प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, विकास कार्य, मनरेगा और राजस्व आदि की नियमित रुप से समीक्षा की गई तथा मुख्य विकास अधिकारी को डेवलेपमेंट कार्याे तथा अपर जिलाधिकारी वि. एवं रा. को राजस्व एवं वसूली कार्याे के संबंध में अपने स्तर पर सख्त निगरानी करते हुए साप्ताहिक समीक्षा किये जाने के निर्देश दिएं, जिससे जनपद की स्थिति बेहतर हो सके।

बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की ओर से लगातार किए जा रहे प्रयासों का जब परिणाम आया तो आज सीएम डैशबोर्ड में जनपद को प्रदेश मे चौथी रैंक प्राप्त हुई।

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