नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म मामले में चार युवकों को 20-20 साल की कैद

दरभंगा। बिहार के दरभंगा न्याय मंडल के बच्चों का लैंगिक अपराध से संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की विशेष अदालत ने नाबालिग छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की अश्लील वीडियो वायरल करने के अपराध में चार दोषी युवकों को आज 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास के साथ ही 50500-50500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई वहीं पीड़िता को नौ लाख रुपये मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है।
विशेष न्यायाधीश प्रोतिमा परिहार ने मंगलवार को दुष्कर्म एवं अश्लील विडियो वायरल करने के मामले में दरभंगा जिला के जाले थाना अन्तर्गत मलिकपुर गाँव के मुरारी कुमार, रोहन कुमार, सागर कुमार और अशोक कुमार को दोषी करार देने के बाद उन्हें यह सजा सुनाई है। इसी मामले में एक अन्य अभियुक्त विधि-विरुद्ध किशोर (नाबालिग ) के मामले को किशोर न्याय बोर्ड में निष्पादन के लिए भेजा गया है।
विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार पारिजात ने बताया कि 24-25 अप्रैल 2020 की रात्रि 10 बजे पीड़िता अपने नये घर से पुराने घरारी पर अपने दादी के साथ सोने जा रही थी कि तभी इन अभियुक्तों ने जबरन पीड़िता को पकड़कर बगल के गाछी में ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उसका वीडियो भी मोबाइल से बना लिया। अभियुक्तों ने धमकी दी कि किसी को बताओगी तो विडियो वायरल कर देंगे। शर्म और डर से पीड़िता ने घटना कि जानकारी किसी को नहीं दी लेकिन अभियुक्तों ने वीडियो वायरल कर दिया।
वीडियो वायरल होने कि जानकारी मिलने पर पीड़िता के माता-पिता ने जब पीड़िता से पूछताछ किया तो सारी घटना को सही पाया। इसके बाद उसके पिता ने अपनी बेटी के साथ घटित घटना की प्राथमिकी जाले थाना में 08 मई 2020 को दर्ज कराई । पुलिस ने घटना में शामिल सभी पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। इसमें से एक अभियुक्त रोहन कुमार के पास से मोबाईल बरामद किया। टेक्निकल सेल से मोबाइल की जांच के बाद पीड़िता का फोटो और दुष्कर्म वाली वीडियो प्राप्त हुआ।
श्री पारिजात ने बताया कि अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही एवं दस्तावेजी सबूतों और प्रस्तुत सीडी पर अदालत ने इस मामले की सूनवाई पुरी कर दुष्कर्मी अभियुक्त को भारतीय दंड विधान की धारा 341/34, 506/34, 354( बी)/34, 376 (डी) एवं पॉक्सो की धारा छह के तहत दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि अदालत ने पीड़िता को नौ लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का भी आदेश दिया है। यह मदद जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से की जाएगी।