किसान आंदोलन- कृषि कानूनों पर एससी गठित कमेटी की पहली बैठक शुरू
नई दिल्ली। राजधानी में चल रहे किसान आंदोलन के समाधान के लिए 3 नए कृषि कानूनों पर उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित की गई कमेटी की पहली बैठक पूसा परिसर में आरंभ हो गई है। उधर किसानों ने एससी गठित कमेटी का बाॅयकाट करते हुए कहा है कि ना तो उन्हें कमेटी की बैठक में हिस्सा लेना है और ना ही अपनी कोई बात इस समिति के सामने रखनी है।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पूसा कैंपस में चल रही कमेटी की बैठक को लेकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई कमेटी की हो रही बैठक में हम शामिल होने नहीं जा रहे हैं। तीनों कृषि कानून केंद्र सरकार लेकर आई है और अब वही इन्हें वापस लेगी। चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि हम उच्चतम न्यायालय का सम्मान करते हैं। लेकिन सरकार और किसान दोनों का मानना है कि मामले का समाधान बातचीत से ही निकलेगा। ऐसी स्थिति में हम केवल सरकार से ही बात करेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि बातचीत से हल कब तक निकलेगा? इसको लेकर कुछ निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है। गौरतलब है कि कृषि कानूनों पर सभी पक्षों से बात करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा एक कमेटी गठित की गई है। जिसमें 4 सदस्यों को शामिल किया गया था। लेकिन इनमें से भूपिंदर सिंह मान ने खुद को किसानों के खिलाफ ना जाने की बात कहते हुए अलग कर लिया था। अब एससी गठित कमैटी में अशोक गुलाटी, अनिल घनवंत और प्रमोद जोशी रह गये हैं जो आज मंगलवार को बैठक कर रहे हैं। उधर आज मंगलवार को सरकार और किसानों के बीच किसान आंदोलन के समाधान के लिए बैठक प्रस्तावित थी जो अब बुधवार को होगी। उधर बुधवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा किसानों की 26 जनवरी को राजधानी में ट्रैक्टर रैली पर रोक को लेकर दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि बीते साल केंद्र सरकार तीन नए किसी कानून लेकर आई थी, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर किसानों की फसल की खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और अनाज एवं दालों की भंडार सीमा खत्म करने जैसे कई प्रावधान किए गए हैं। इन कृषि कानूनों को लेकर किसान बीते वर्ष के जून माह से लगातार आंदोलन कर रहे हैं और नये कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर अड़े हैं।