SC में औंधे मुंह गिरी ED- साबित नहीं कर पाई 2000 करोड़ का घोटाला
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 और उससे पहले ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए देश भर में भूचाल लाने वाला प्रवर्तन निदेशालय सुप्रीम कोर्ट में औंधे मुंह गिरा है। छत्तीसगढ़ में 2000 करोड रुपए के कथित दारू घोटाले को साबित करने में नाकामयाब रहने पर सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईएएस अधिकारी और उनके बेटे के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला रद्द कर दिया है।
राजधानी दिल्ली में होना बताए जा रहे शराब नीति घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही प्रवर्तन निदेशालय इस समय देशभर में सुर्खियां बटोर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल भेजने के बाद प्रवर्तन निदेशालय की पूरे देश में गूंज सुनाई दे रही है। लेकिन छत्तीसगढ़ में होना बताए जा रहे 2000 करोड रुपए के घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय को अदालत का बड़ा झटका लगा है।
उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ में 2000 करोड रुपए के कथित शराब घोटाले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ धनशोधन का मामला रद्द करते हुए कहा है कि अपराध से कोई संपत्ति अर्जित नहीं की गई है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जवल भुइया की पीठ ने सोमवार को यह उल्लेख करते हुए पिता पुत्र के खिलाफ शिकायत रद्द कर दी है।
उच्चतम न्यायालय का कहना है कि दोषी बताए जा रहे पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ कोई मुख्य अपराध का मामला नहीं है और ना ही मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत उनके खिलाफ कोई मामला बनता है। पीठ ने कहा है क्योंकि कोई अपराध नहीं हुआ है इसलिए पीएमएलए की धारा 2 यू के तहत परिभाषित अपराध से संपत्ति अर्जित नहीं हो सकती। यदि अपराध से कोई संपत्ति अर्जित नहीं की गई है तो पीएमएलए के तहत अपराध का मामला नहीं बनता है।