बीजेपी एमएलए के दावे निकले झूठ- असलहा बाबू को क्लीनचिट

बीजेपी एमएलए के दावे निकले झूठ- असलहा बाबू को क्लीनचिट

बुलंदशहर। भारतीय जनता पार्टी के विधायक की ओर से असलहा बाबू पर लगाए गए आरोप जांच में पूरी तरह से झूठे निकले हैं। आर्म्स लाइसेंस रिनुअल करने के नाम पर असलहा बाबू द्वारा 48 हजार की घूस लेने का मामला जांच में पूरी तरह से गलत पाया गया है। असलहा बाबू को क्लीन चिट देते हुए जांच अधिकारी द्वारा कहा गया है कि यह धनराशि असलहा बाबू को नहीं बल्कि गन हाउस मालिक को नया शस्त्र खरीदने के लिए बतौर एडवांस दी गई थी।

बुलंदशहर की सदर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक प्रदीप कुमार चौधरी द्वारा गाजियाबाद के असलहा बाबू के ऊपर लगाए गए घूसखोरी के आरोप सीडीओ द्वारा की गई जांच में बिना सिर पैर के होना पाए गए हैं। वर्ष 2023 की 14 अप्रैल को बीजेपी एमएलए ने एक चिट्ठी लिखकर जिलाधिकारी गाजियाबाद को बताया था कि असलहा बाबू ने आर्म्स लाइसेंस रिन्यूअल के नाम पर एमएलए से 48 हजार रूपये की रिश्वत वसूल की थी। विधायक ने डीएम से असलहा बाबू के खिलाफ कठोर कार्यवाही किए जाने की मांग उठाई थी।

विधायक की चिट्ठी पर गाजियाबाद के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने घूसखोरी के इस मामले की जांच मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक को सौंपी थी। 14 जून को सीडीओ द्वारा जिलाधिकारी को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में आरोपी होना बताए जा रहे असलहा बाबू को क्लीन चिट देते हुए बताया गया है कि विधायक प्रदीप चौधरी ने गाजियाबाद के हरी गन हाउस के मालिक दलजीत सिंह एवं ईश्वदीप सिंह से नया शस्त्र खरीदने के लिए 50 हजार रुपए बतौर एडवांस दिए थे।

लेकिन उन्होंने नया शस्त्र नहीं खरीदा। गन हाउस मालिक द्वारा एमएलए से कई बार अनुरोध किया गया कि वह अपनी पेशगी को आकर वापस ले जाए लेकिन एमएलए गन हाउस नहीं गए और यह पैसा गन हाऊस मालिक के पास सुरक्षित है। गन हाउस मालिक का कहना है कि एमएलए एडवांस में दिए गए रुपए कभी भी वापस ले जा सकते हैं। असलहा बाबू शैलेश गुप्ता के 12 जून को दर्ज किए गए बयान में बताया गया है कि विधायक प्रदीप चौधरी के दो और उनके भाई जीत पाल के एक शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण हेतु समय दिया गया था इस की सरकारी फीस 12 हजार रुपए जमा है।

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