फटी जीन्स में उलझ गये तीरथ सिंह
देहरादून। इसे कहते हैं सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना। उत्तराखण्ड में त्रिवेन्द्र सिंह रावत की मुख्यमंत्री की कुर्सी से विदाई के बाद कई नेता सीएम बनने की लाइन में खड़े थे। भाजपा नेतृत्व ने साफ-सुथरा चेहरा समझे जाने वाले सांसद तीरथ सिंह रावत को उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री बना दिया। तीरथ सिंह रावत अनुभवी नेता हैं। संघ के प्रचारक भी रहे हैं लेकिन वाणी पर नियंत्रण नहीं रखा। महिलाओं का फैशन कई लोगों को अच्छा नहीं लगता। उनके परिवार के लोग ही नाक- मुंह सिकोड़ लेते हैं लेकिन जुबान नहीं खोलते। महिलाओं के इसी फैशन को लेकर नये-नये मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत ने विवादित बयान दे दिया। फटी जीन्स को लेकर एक कार्यक्रम में अपनी असहमति जतायी। एक वीडियो में तीरथ सिंह रावत एक वाक्या सुना रहे हैं।
उन्होंने कहा था कि एक महिला उन्हें फ्लाइट में मिली, जिसने फटी हुई जीन्स पहने हुए थी। वो महिला एनजीओ में काम करती थी, लेकिन फटी हुई जीन्स पहनकर समाज में क्या संदेश देगी, ये कैसे संस्कार हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह का यह वीडियो वायरल हुआ तो आलोचनाओं के ओले गिरने लगे। महिलाओं ने नेता जी को सोच बदलने की जरूरत बतायी। उनकी अपनी पार्टी भी खामोश हो गयी। ऐसे में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह की पत्नी रश्मि त्यागी रावत ने बचाव किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। हालांकि रश्मि त्यागी रावत ने भी स्वीकार किया कि महिलाओं की भावनाएं आहत हो रही हैं। ध्यान रहे कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की पत्नी भी मिस मेरठ रह चुकी हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के फटी जींस वाले बयान की खूब आलोचना हो रही है। वहीं उनका एक और बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह अपने साथ कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा के कपड़ों को लेकर एक किस्सा लोगों को बता रहे हैं। बताया जा रहा है यह उसी कार्यक्रम का वीडियो है जिसमें मुख्यमंत्री ने फटी जींस को लेकर बयान दिया था। वहीं बीजेपी सीएम के बयान पर डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से जब मीडियाकर्मियों ने पूछा तो कौशिक का कहना था कि सीएम के बयान को गलत ढंग से पेश किया गया। सीएम का मतलब संस्कारों से था, लेकिन कौशिक भी सफाई में इससे ज्यादा कुछ बोल नहीं पाए।
सीएम तीरथ सिंह रावत का नया बयान भी विवादों से भरा है। वह कह रहे हैं कि जब वह गढ़वाल विवि श्रीनगर में पढ़ते थे, तो चंडीगढ़ से एक लड़की, जो पहाड़ की ही थी श्रीनगर पढ़ने आ गई। सीएम ने उसके कपड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि उसके हाफ कट। पहली बार नया-नया फैशन तो उसे लड़के ऐसे देख रहे थे कि बस आ गई मुंबई से कोई। उसका कुछ दिन ऐसा मजाक बना ऐसा मजाक, क्येांकि सारे पीछे भागना शुरू कर दिए। यूनिवर्सिटी में पढ़ने आए हो और बदन दिखा रहे हो। इसी के बाद 18 मार्च को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग के एक सम्मेलन में बोल रहे थे। सब्जेक्ट था बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृति, रोकथाम और पुनर्वास। सीएम ने कहा कि इसके लिए सभी को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों को नशे की ओर ले जाने के लिए उसे दिए जा रहे संस्कार जिम्मेदार हैं। बच्चा जैसा देखता है, सुनता है, वैसा ही बन जाता है।
उन्होंने युवाओं और खासकर युवतियों, महिलाओं के फटी जींस पहनने पर कमेंट किया। तीरथ सिंह रावत ने लगे हाथ फटी जींस पहनने वाली एक एनजीओ संचालक महिला और कम कपड़े पहनने वाली युवतियों का उदाहरण भी दे डाला। सीएम ने कहा, ष्टीवी में देखा बढ़िया सी जीन्स का एडवर्टाइजमेंट, तो दूसरे दिन वही आ जाती है। पहली पसंद होती है फटी हुई जींस। साथ ही जिसने फटी हुई जींस पहनी वो बड़े बाप का बेटा हो गया। पिता जी भी पहले पापा अब डैड हो गए। फटी हुई जींस पहनना स्टेटस सिंबल हो गया है।
सीएम का यह बयान देशभर में जमकर ट्रोल हो रहा है। अभिनेता अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नंदा से लेकर एक्टिविस्ट, राजनेता, युवक, युवतियां से लेकर तमाम लोग पहनावे को लेकर दिए गए सीएम के बयान की कड़ी निंदा कर रहे हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्वीटर समेत तमाम सोशल मीडिया साइट इससे अटी पड़ी हैं। विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दलों की मांग है कि सीएम महिलाओं से माफी मांगे। सीएम रावत के इस बयान पर तृणमूल कांग्रेस की नेता और लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने टिप्पणी की है। मोइत्रा ने एक ट्वीट में रावत पर करारा हमला करते हुए लिखा, उत्तराखंड के सीएम- एनजीओ चलाते हो और घुटने फटे दिखते हैं? सीएम साब-स्टेट चलाते हो और दिमाग फटे दिखते है?
वहीं, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी तीरथ सिंह रावत के बयान पर टिप्पणी की। प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि देश की संस्कृति और संस्कार पर उन आदमियों से फर्क पड़ता है, जो महिलाओं और उनके कपड़ों को जज करते हैं। सोच बदलो मुख्यमंत्री जी, तभी देश बदलेगा।
मामला बढ़ता देख मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बैकफुट पर आए और उन्होंने कहा कि अगर उनकी बात किसी को बुरी लगी हो तो वो इसके लिए माफी मांगते हैं। एक मीडिया चैनल से बात करते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा, मैं एक सामान्य ग्रामीण परिवार से आया हूं। जब हम लोग स्कूल जाया करते थे और गलती से हमारी पैंट फट जाती थी तो हमें पता होता था कि आज गुरुजी डांटेंगे। डांट से बचने के लिए हम पैंट में टैग लगाकर उसे सिल लिया करते थे। यानी जो फटा हिस्सा होता था उसे ढक लिया करते थे। अब बच्चा जब 4000 की जींस खरीदता है तो देखता है कि वह फटी है या नहीं। सीएम रावत ने कहा कि संस्कार और अनुशासन, परिवार में होगा तो वह कभी असफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ साथ अनुशासन सिखाना भी परिवार के सदस्यों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मेरी भी बेटी है और ये नियम उस पर लागू होता है। उन्होंने कहा कि मुझे जींस से नहीं, फटी जींस से ऐतराज है। अगर किसी को इस तरह की जींस पहनना पसंद है तो मैं क्या कर सकता हूं? किसी को मेरी बात का बुरा लगा हो तो मैं क्षमा चाहता हूं।
सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि कपड़ों से कुछ नहीं होता, व्यक्ति का मन साफ और दृष्टि ठीक होनी चाहिए-जोशी का कहना है कि पुराना टाइम गया, आज के बच्चे जींस में ज्यादा कंफर्टेबल फील करते हैं। उन्होंने अपनी बेटी का हवाला देते हुए कहा कि जब उनकी बेटी यूएस में पढ़ती थी, तो लंबे जूते और ऐसी ही जीन्स पहनती थी। जोशी का कहना है कि इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इधर, बीजेपी की मातृ संस्था आरएसएस का कहना है कि व्यक्ति के कपड़े व्यक्ति का आचरण भी दर्शाते हैं।संघ के सह प्रांत प्रचार प्रमुख संजय ने मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि फटे कपड़े पहनना भारत और खासकर देवभूमि की संस्कृति नहीं है। बीजेपी सरकार में दायित्वधारी वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि मुख्यमंत्री के बयान को गलत सन्दर्भ में लिया गया है। बीजेपी महिलाओं, बेटियों का सम्मान करती है। विपक्षी कांग्रेस द्वारा मामले को तूल दिए जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पहले अपना चरित्र देखना चाहिए। (हिफी)