हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई सरकार ने भी मुहर-चार धाम यात्रा स्थगित
देहरादून। हाईकोर्ट की ओर से लगाई गई चार धाम यात्रा पर रोक के बाद सरकार ने भी कोरोना कर्फ्यू की अवधि का हवाला देते हुए संशोधित एसओपी जारी कर दी है। एसओपी में चारधाम यात्रा को अग्रिम आदेशों तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। पहले स्थानीय लोगों के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने 1 जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया था।
मंगलवार को तीरथ सिंह रावत सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना कर्फ्यू की अवधि के लिए संशोधित एसओपी पर गंभीरता के साथ विचार विमर्श किया गया। मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर कोरोना कर्फ्यू को लेकर नई एसओपी जारी की गई। जिसके अंतर्गत चार धाम यात्रा को अग्रिम आदेशों तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। गौरतलब है कि तीरथ सरकार ने एक जुलाई से सीमित 750 यात्रियों के साथ चारधाम यात्रा खोलने का निर्णय लिया था। पहले चरण में बदरीनाथ की यात्रा चमोली जिले, केदारनाथ की रुद्रप्रयाग जिले, गंगोत्री व यमुनोत्री की यात्रा उत्तरकाशी जिले के लोगों के लिए खोलने का निर्णय लिया गया था। इसमें यात्रियों के कोविड जांच रिपोर्ट अनिवार्य की गई थी। सरकार की ओर से चारों धामों के लिए एक-एक वरिष्ठ अधिकारी को जिला प्रशासन और देवस्थानम बोर्ड के साथ समन्वय के लिए जिम्मेदारी दी गई थी। उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर एक एसओपी भी जारी की थी। इस एसओपी में चारधाम यात्रा का पहला चरण एक जुलाई से जबकि दूसरा चरण 11 जुलाई से शुरू होने की बात कही गई थी।
इस बीच सोमवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सच्चिदानंद डबराल व अनु पंत की कोविड काल में स्वास्थ्य अव्यवस्था और चारधाम यात्रा तैयारियों को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई जिसमें मुख्य सचिव ओमप्रकाश, पर्यटन सचिव दलीप जावलकर, अपर सचिव आशीष चौहान वर्चुअली पेश हुए। कोर्ट ने चारधाम में पूजा-अर्चना का लाइव टेलीकास्ट करने के निर्देश भी सरकार को दिए।