ग्लेशियर हादसा- जान हथेली पर रखकर पीड़ितों को बचाने में जुटे जवान
देहरादून। उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से जो हादसा हुआ, वह बहुत ही भयावह है। ऐसे भयावह मंजर को देखकर ही रूह कांपने लगती है। लेकिन धन्य हैं, वे भारत माता की सेवा में लगे जवान, जो जान को हथेली में लेकर आपदा में फंसे लोगों को बचाने के कार्य में जुटे हुए हैं।
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद का नजारा बहुत ही खौफनाक रहा। इस हादसे में मकान पानी की तेज धार के कारण तिनके की तरह बह गये। ग्लेशियर टूटने से जो उफान उठा, उससे बांध भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इतना ही नहीं, 150 के लगभग लोगों के बहने की आशंका है। कई लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। 150 से ज्यादा पशु तेज पानी की भेंट चढ़ गये, जिनका अभी तक कुछ भी पता नहीं चल पाया है। भयंकर हादसे के बाद आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गई। जवानों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर अब तक टनल में फंसे 16 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता हासिल की है।
लगातार जवान रेस्क्यू में लगे हुए हैं। दुर्गम स्थान पर भयंकर हादसे के बाद वे लगातार अपने कार्य में जुटे हुए हैं। उनका साहस व परिश्रम काबिल-ए-तारीफ है। आला अधिकारियों के निर्देश पर बिना थके राहत कार्यों में जुटे जवान लापता लोगों की तलाश करने में जुटे हुए हैं। वे ऐसी कठिन परिस्थितियों में कार्य कर रहे हैं, जहां के बारे में सोचकर ही आम लोगों की रूह कांपने लगती है। अपनी जान को दांव पर लगाकर फर्ज के रास्ते पर अड़िग रहते हुए आपदा में फंसे लोगों की जान बचाने वाले जवान सम्मान के पात्र हैं।