यूपी में घर-घर कोरोना स्क्रीनिंग करेगी योगी सरकार, एक लाख स्वास्थ्य कर्मियों की टीम देगी अंजाम

लखनऊ । मानसून के आगमन के साथ ही मौसम में नमी के कारण अब संचारी रोग भी फैलेगा, इस लिहाज से सीएम योगी की सरकार ने किसी भी परिस्थिति में संदिग्ध लक्षण वाले जन तक पहुंचने की पहल की है ताकि कोई भी संक्रामक महामारी की चपेट में न आये। बरसात के मौसम में वैसे भी संक्रामक महामारी अपने चरम पर होती है।
उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी सरकार ने मेगा सर्विलांस अभियान प्रारंभ करने की पहल मेरठ मंडल से कर दी है। इसके तहत अब उत्तर प्रदेश के 17 मंडलों में घर-घर लोगों की स्क्रीनिंग और जांच की जाएगी। यूपी सरकार के इस अभियान से यूपी के शत-प्रतिशत लोगों की स्क्रीनिंग होगी। यह अभियान पल्स पोलियों की तर्ज पर डोर टू डोर किया जाएगा। संदिग्ध लक्षणों वाले व्यक्तियों की मौके पर ही जांच होगी और पुष्टि होने पर उन्हें तुरंत उपचार मुहैया कराया जाएगा। दरअसल, मानसून के आने के साथ ही अब संचारी रोग भी फैलेगा, इस पर सीएम योगी ने किसी भी संदिग्ध लक्षण वाले व्यक्ति तक पहुंचने की शुरुआत की है ताकि कोई भी इस संक्रामक महामारी की चपेट में न आये। एक लाख से ज्यादा टीमें इस काम को पूरे उत्तर प्रदेश में घर-घर पहुंचकर अंजाम देंगी।
डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान की शुरुआत आज मेरठ मंडल से हुई है। लगभग 1400 लोगों की टीम मेरठ मंडल में घर-घर जांच करेंगी। आगामी पांच जुलाई से इसकी शुरुआत होने वाली है। दो हजार से ज्यादा लोगों की टीमें लखनऊ में घर-घर जाकर कोरोना जांच का सैंपल लेंगी। जिलाधिकारी लखनऊ अभिषेक प्रकाश ने कहा कि स्वास्थ विभाग की 2000 टीमें तैयार हैं। जिस घर से सैंपल लिया जाएगा वहां एक बोर्ड भी चस्पा किया जाएगा। इस अभियान के तहत ज्यादा से ज्यादा सैंपलों की जांच का लक्ष्य निर्धारित किया गया है
गौरतलब है कि बीते रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देशित किया कि पूरे प्रदेश के शत-प्रतिशत घरों की डोर टू डोर स्क्रीनिंग की व्यवस्था के लिए रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर मेडिकल स्क्रीनिंग के समय घरों की मार्किंग भी की जाए। मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर उसका पल्स ऑक्सीमीटर और रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाया जाए। संक्रमित होने की स्थिति में उन्हें तत्काल कोविड चिकित्सालय में एडमिट करवाया जाए। अब इसकी शुरुआत मेरठ मंडल से हो रही है।