योगी सरकार का दावा,चार साल पूरा किये किसानों से किये वादे
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दावा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने चार साल के अल्प समय में लोक कल्याण संकल्प पत्र में किसानो से किये गये वादों को पूरा कर दिखाया है।
अधिकृत सूत्रों ने रविवार को कहा कि भाजपा ने कृषि विकास का जो संकल्प लिया थे, योगी सरकार ने उसे चार साल में पूरा कर दिखाया है। 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ रुपये के ऋण मोचन से शुरू हुआ सिलसिला प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और फसल बीमा योजना से लेकर रिकार्ड कृषि उत्पादन और देश में सबसे ज्यादा अनाज खरीद तक जारी है।
योगी सरकार ने प्रदेश में कृषि विकास की नई नींव रखी। कुछ साल पहले तक घाटे का सौदा मानी जाने वाली खेती को तकनीक के तालमेल से लाभ का सौदा बना कर किसानों को दोगुनी आय की सौगात दे दी। सरकार ने चार साल में 45.74 लाख गन्ना किसानों को 137891 करोड रुपये का भुगतान किया है। यह बसपा सरकार से दोगुना और सपा सरकार के कार्यकाल में किए गए गन्ना भुगतान के मुकाबले डेढ़ गुना अधिक है। कृषि, किसान और खेतिहर मजदूर तीनों के विकास का वादा पूरा करते हुए योगी सरकार ने न सिर्फ रिकार्ड अनाज उत्पादन और खरीद का रिकार्ड बनाया बल्कि खरीद प्रक्रिया से बिचौलियों को बाहर करते हुए 72 घंटे में किसानों के खातों में सीधा भुगतान किया।
उन्होने कहा कि 2014-2015 में कृषि उत्पादन महज 389.28 लाख मीट्रिक टन था जिसे हर साल बढाया गया और 2020-21 में यह आंकड़ा 624.19 लाख मीट्रिक टन पहुंच चुका था। 2020-21 दौरान 13 लाख छह हजार किसानो से 55 लाख मीट्रिक टन धान, एक लाख छह हजार मीट्रिक टन मक्का,56.42 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गयी। सरकार द्वारा गन्ना किसानो को अब तक 137,891 करोड़ रूपये का गन्ना मूल्य भुगतान कराया जा चुका है।
सूत्रों ने कहा कि पेराई सत्र 2018-19 और 2019-20 में संचालित सभी 119 चीनी मिलों का शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है। पेराई सत्र 2017-18 के कुल देय गन्ना मूल्य 35,463.71 करोड़ के सापेक्ष 35,442.14 करोड़ रूपये का भुगतान कराया गया है, जो कुल देय का 99.94 प्रतिशत है।
उन्होने कहा कि योगी सरकार ने गोवंश आधारित जीरो बजट खेती को प्रोत्साहन दिया। भदोही और गोरखपुर में वैटेनरी विश्वविद्यालय का प्रस्ताव पेश किया गया। गन्ना और चीनी उत्पादन में प्रदेश का देश में प्रथम स्थान पर है। देश के कुल चीनी उत्पादन में यूपी की हिस्सेदारी लगभग 50 प्रतिशत है।
प्रदीप
वार्ता