योगी ने विस्थापित हिंदू बंगाली परिवारों को दिया भूमि एवं आवासीय पट्टा
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर उत्तर प्रदेश में आए 63 हिंदू बंगाली परिवारों के पुनर्वास के लिए उन्हें कृषि भूमि का पट्टा, आवासीय पट्टा और मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृति पत्र वितरित किए।
मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से लोकभवन में आयोजित किए गए कार्यक्रम में वर्ष 1970 के दौरान पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर उत्तर प्रदेश में आए 63 हिंदू बंगाली परिवारों में से अनिल विश्वास, रेणुका बाला, मनोज कुमार मंडल, सत्यजीत सरकार, रविंद्र विश्वास समेत 10 परिवारों को उनके पुनर्वास हेतु कृषि भूमि का पट्टा, आवासीय पट्टा और मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृति पत्र वितरित किए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आये बंगाली हिंदू परिवारों का 38 वर्षों का इंतजार आज समाप्त हुआ। इन सभी 63 परिवारों को राज्य सरकार की तरफ से कानपुर देहात के रसूलाबाद में प्रत्येक परिवार को दो एकड़ भूमि 200 वर्ग मीटर का आवासीय पट्टा और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास का लाभ दिया जा रहा है। साथ में शौचालय भी दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1970 में यह सभी परिवार आज के बांग्लादेश, उस समय के पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आए थे। हस्तिनापुर में एक सूत मिल में इन्हें नौकरी दी गई। यह लगभग 407 परिवार थे। 1984 में वह सूत मिल बंद हो गई। मिल बंद होने के बाद कुछ परिवारों का पुनर्वास देश के अलग-अलग हिस्सों में हुआ लेकिन 65 परिवार ऐसे थे जो 1984 से लेकर अब तक अपने पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे थे। प्रतीक्षा करते करते 38 वर्षों में न जाने कितने लोग चले गए। उसमें से दो परिवार समाप्त हो गया। 63 परिवार बचे थे।
जब प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश पाकिस्तान अफगानिस्तान से आए हुए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारत के अंदर नागरिकता देने का कदम उठाया। हम लोगों ने उत्तर प्रदेश में ऐसे परिवारों की खोज शुरू की। पता चल कि 1970 में आये इन लोगों की हालत बहुत खराब है। अब उन्हें भूमि और मकान का मालिकाना हक मिल रहा है। अपना जीव अच्छे से बिता सकेंगे।