हिंदूवादी नेता के घर पहुंचा लाल नोटिस तो लोगों में आ गया उबाल

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे सामान्य विधानसभा निर्वाचन 2022 के मतदान को सकुशल संपन्न कराने के अंतर्गत जब हिंदूवादी नेता को पुलिस की ओर से लाल नोटिस जारी किया गया तो हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं के भीतर उबाल आ गया। कार्यकर्ताओं ने खुद को हिंदूवादी सरकार कहने वाली भाजपा सरकार के राज में हिंदुओं के उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

दरअसल सामान्य विधानसभा निर्वाचन 2022 के अंतर्गत प्रथम चरण की सीटों में शामिल सदर विधानसभा सीट के मतदान को लेकर सुरक्षा व्यवस्था बनाने में लगी थाना सिविल लाइन पुलिस की ओर से हिंदूवादी संगठनों में शामिल क्रांतिसेना के बड़े पदाधिकारी अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा के नाम लाल नोटिस जारी किया है। जिसे लेकर क्रांति सेना के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के भीतर उबाल आ गया है। इस मामले को लेकर क्रांति सेना के पूर्व नगर अध्यक्ष ललित सैनी के आवास पर हुई बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश महासचिव मनोज सैनी ने कहा है कि बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की सरकार में कभी किसी हिंदू वादी नेता के घर इस तरह का लाल नोटिस नहीं पहुंचा है। लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार में क्रांति सेना के अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा के नाम लाल नोटिस जारी करते हुए उन्हें घर में कैद करने से ऐसा लग रहा है कि भाजपा सरकार सभी हिंदूवादी नेताओं की राजनीति को खत्म करना चाहती है या हिंदू नेताओं से ही घबराई हुई है। क्रांति सेना के पदाधिकारियों ने इस तरह के नोटिस हिंदू नेताओं के घर भेजे जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा है कि भाजपा सरकार को इसका हर्जाना भुगतना पड़ सकता है। इस मौके पर प्रदेश महासचिव मनोज सैनी के अलावा पूर्व जिला महासचिव देवेंद्र चौहान, राजेश कश्यप, पूर्व नगर अध्यक्ष लोकेश सैनी, नगर उपाध्यक्ष बसंत कश्यप, नगर सचिव अमित कश्यप, शैलेंद्र शर्मा एवं आदित्य कुमार आदि मुख्यरूप से मौजूद रहे।